नौरंगाबाद के बुनकरों ने अपनी बदहाली को चुनावी एजेंडा बनाते हुए किसी भी पार्टी को वोट न देते हुए नोटा का प्रयोग करने की घोषणा कर दी थी। गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले इस मुहल्ले के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का बैनर लगाते हुए कहा था कि राजनीतिक दल और प्रत्याशी उनसे वोट मांगने न आएं.
इसके बाद मीडिया ने बुनकरों के चुनाव बहिष्कार की खबर को प्रमुखता से उठाया और उनकी समस्याओं के बारे में लोगों को अवगत कराया। बुनकरों के चुनाव बहिष्कार का नारा बुनकरों के दूसरे मुहल्लों में भी फैलने लगा तब तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनसे सम्पर्क किया और बुनकरों की समस्याओं को हल करने का वादा किया.
मोहल्ले के ओबेदुर्रहमान ने बताया कि वे लोग राजनीतिक दलों के रूख से नाराज थे और नोटा का प्रयोग कर अपना विरोध प्रकट करना चाहते थे। वे पूरा बहिष्कार नहीं करते। वोट देने जरूर जाते लेकिन नोटा का प्रयोग करते। उनका कहना है कि उनके अभियान का असर हुआ और कई प्रत्याशी उनसे मिलने आए। इसके बाद ही उन लोगों ने मतदान का निर्णय लिया.
नौरंगाबाद के बुनकरों ने अपनी बदहाली को चुनावी एजेंडा बनाते हुए किसी भी पार्टी को वोट न देते हुए नोटा का प्रयोग करने की घोषणा कर दी थी। गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले इस मुहल्ले के लोगों ने चुनाव बहिष्कार का बैनर लगाते हुए कहा था कि राजनीतिक दल और प्रत्याशी उनसे वोट मांगने न आएं।
इसके बाद मीडिया ने बुनकरों के चुनाव बहिष्कार की खबर को प्रमुखता से उठाया और उनकी समस्याओं के बारे में लोगों को अवगत कराया। बुनकरों के चुनाव बहिष्कार का नारा बुनकरों के दूसरे मुहल्लों में भी फैलने लगा तब तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनसे सम्पर्क किया और बुनकरों की समस्याओं को हल करने का वादा किया।
मोहल्ले के ओबेदुर्रहमान ने बताया कि वे लोग राजनीतिक दलों के रूख से नाराज थे और नोटा का प्रयोग कर अपना विरोध प्रकट करना चाहते थे। वे पूरा बहिष्कार नहीं करते। वोट देने जरूर जाते लेकिन नोटा का प्रयोग करते। उनका कहना है कि उनके अभियान का असर हुआ और कई प्रत्याशी उनसे मिलने आए। इसके बाद ही उन लोगों ने मतदान का निर्णय लिया।
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK