जांच होनी चाहिए

मंगलवार को लहुराबीर स्थित एक रेस्टोरेंट में मीडिया से मुखातिब होते हुए नसीम ने कहा कि खिलाडिय़ों की इस हालत की पूरी जानकारी चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव को दूंगा। उन्हें इसकी जानकारी भी दूंगा कि प्लेयर्स को खाने के लिए 150, 200, 250 और 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिला। एक ही चैंपियनशिप में अलग-अलग भोजन व्यय देना कहां तक न्याय संगत है? उनसे मांग करूंगा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि खिलाडिय़ों की इस दशा के लिए दोषी कौन हैं?

केरल नहीं जाने का निर्णय

दस से अधिक बार इंडियन फुटबॉल टीम को रिपे्रजेंट कर चुके, ईस्ट बंगाल क्लब और महिंद्रा यूनाइटेड से खेल चुके नसीम ने बताया कि वह अगले सप्ताह ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफए) के प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी से मिलकर बताएंगे कि कैसे अधिकांश खिलाड़ी बिना रिजर्वेशन के केरल जाने के लिए तैयार हुए। उन्होंने वर्ष 2003 में भी यूपी की ओर से संतोष ट्रॉफी में हिस्सा लिया था लेकिन आज तक उसका सर्टिफिकेट नहीं मिला है। नसीम ने बताया कि उन्होंने यूपी फुटबॉल संघ से प्लेयर्स को टे्रन की थ्री एसी कोच में केरल भेजने व एक-एक बड़ा किट बैग देने की डिमांड की थी। लेकिन संघ ने इसे इनकार कर दिया गया। साथ ही उनकी हरकत को अनुशासनहीनता की संज्ञा दी गयी। इससे आहत होकर उन्होंने केरल नहीं जाने का निर्णय लिया है। यही वजह है कि टीम बिना कप्तान के केरल गयी है।