- कैराना उपचुनाव में रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने दी भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को मात

- 71 से 68 सीटों पर सिमटी भाजपा, गोरखपुर व फूलपुर के बाद में तीसरी सीट भी गंवाई

- भाजपा संगठन को लगा गहरा झटका, आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष में उत्साह

LUCKNOW :

आखिरकार चार साल बाद यूपी को पहला मुस्लिम सांसद मिल गया। ध्यान रहे कि वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी से कोई भी मुस्लिम सांसद नहीं बन पाया था। हालिया कैराना लोकसभा उपचुनाव में सपा समर्थित रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को करारी शिकस्त देकर पहला मुस्लिम सांसद होने का तमगा हासिल कर लिया। इसी तरह नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नईमुल हसन ने बीजेपी प्रत्याशी अवनी सिंह को हरा दिया है। हैरत की बात यह है कि यह दोनों सीटें भाजपा सहानुभूति वोट के बल पर जीतने का दावा कर रही थी, इसे लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। डेढ़ महीने से पार्टी संगठन के पदाधिकारी चुनाव की चाक-चौबंद तैयारियों में भी जुटे थे। बावजूद इसके दोनों उपचुनाव में मिली हार ने पार्टी संगठन को सकते में डाल दिया है। साल भर के भीतर लोकसभा की तीन और विधानसभा की एक सीट गंवाने से पार्टी को फिर से चुनावी रणनीति के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया है।

68 सीटों पर सिमटी भाजपा

उल्लेखनीय है कि बीते एक साल के दौरान यूपी में भाजपा 71 सांसद से सिमटकर 68 सीटों पर आ गयी है। इससे पहले गोरखपुर और इलाहाबाद के फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव भी पार्टी हार गयी थी। यह दोनों सीटें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थी। गोरखपुर सीट पर भाजपा का वर्ष 1991 से कब्जा था तो फूलपुर में उसने पहली बार फतह हासिल की थी। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता हुकुम सिंह का गढ़ मानी जाने वाली कैराना लोकसभा पहली बार 1998 में भाजपा के हिस्से में आई थी। बाद में यह फिर से सपा के पास चली गयी। हुकुम सिंह ने वर्ष 2014 में फिर बाजी पलट दी पर उनके देहांत के बाद यह सीट रिक्त हो गयी। भाजपा ने इस पर उनकी बेटी मृगांका सिंह को टिकट देने का फैसला लिया जो पिछले साल विधानसभा चुनाव हार गयी थीं। मृगांका अपने पिता की सीट को बचा पाने में फिर से नाकामयाब रहीं और यह सीट रालोद के हिस्से में चली गयी। इसके साथ ही यूपी में रालोद का लोकसभा सीट का खाता भी खुल गया।

भाजपाई हताश, विपक्ष को संजीवनी

लगातार चौथा उपचुनाव हारने से सत्तारूढ़ दल भाजपा के खेमे में निराशा है। वहीं विपक्ष को एक बार फिर इस जीत ने संजीवनी दी है। इस चुनाव से यह भी साफ हो गया कि विपक्ष की एकजुटता भाजपा को मुश्किल में डाल देती है। बदले सियासी घटनाक्रम ने यूपी में भाजपा संगठन में फेरबदल की संभावना भी बढ़ गयी है। लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा देर नहीं है लिहाजा पार्टी अपने कील-कांटे दुरुस्त करने की कवायद भी करेगी। इस दौरान अगर पार्टी संगठन के कुछ बड़े चेहरों को बदला जाए तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी। वहीं विपक्ष के महागठबंधन की संभावनाएं भी बढ़ गयी है। सपा ने रालोद को समर्थन देकर गेमचेंजर की भूमिका निभाई है। कर्नाटक चुनाव के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती के बदले तेवरों पर भी ये चुनाव नतीजे अंकुश लगाने में कामयाब हो सकते हैं।

रालोद ने मनाया जश्न, अखिलेश ने भरी हुंकार

कैराना उपचुनाव में जीत के बाद राजधानी स्थित रालोद के प्रदेश कार्यालय में जश्न मनाया गया तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर भाजपा को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि अब हमने भाजपा की गणित सीख ली है। लोगों ने भूखा-प्यासा रहकर धोखेबाज भाजपा के खिलाफ हमें वोट दिया। अगर बसपा से गठबंधन हुआ तो लोकसभा चुनाव में पासा पलटने में कोई अड़चन नहीं आएगी। ये सामाजिक सद्भाव और सामाजिक न्याय की जीत है। लोगों ने देश को बांटने वालों को हराया है। यह चौधरी चरण सिंह की नीतियों की जीत है। वहीं सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि मैं उनके भाषण से डर गया था इसलिए चुनाव प्रचार करने कैराना नहीं गया। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी गठबंधन के प्रत्याशी की जीत पर जनता को बधाई दी है। पार्टी प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि यह जुमलेबाजी और झूठे वादे करने वालों की हार है। मुख्यमंत्री ने जिन्ना और गन्ना पर बयान देकर ध्रुवीकरण का प्रयास किया था जिसे जनता ने नकार दिया है।

भाजपा विधायक की कविता वायरल

हरदोई के गोपामऊ से भाजपा विधायक श्यामप्रकाश ने उपचुनाव की हार पर दुख जताते हुए सरकार और पार्टी, दोनों को निशाने पर ले लिया। हालांकि अपनी कविता को 'सकारात्मक' ठहराते हुए उनका कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अब असहाय हैं। विधायक ने फेसबुक व ट्विटर पर लिखा

मोदी नाम से पा गए राज

कर न सके जनता मन काज

संघ, संगठन हाथ लगाम

मुख्यमंत्री भी असहाय

जनता और विधायक त्रस्त

अधिकारी, अध्यक्ष भी भ्रष्ट

उतर गई पटरी से रेल

फेल हुआ अधिकारी राज

समझदार को है ये इशारा

आगे है अधिकार तुम्हारा