- यूपी बोर्ड के टॉपर्स का सम्मान करेगी सरकार

- 16 बाल वैज्ञानिकों को किया गया सम्मानित

LUCKNOW : उप मुख्यमंत्री डॉ। दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी बोर्ड के मेधावियों को सरकार एक लाख रुपए देकर सम्मानित करेगी। साथ ही उनके नाम से उनके क्षेत्र में सड़क का निर्माण भी कराया जाएगा। जिससे हमेशा के लिए उसकी पहचान बनी रहे। डॉ। शर्मा गुरुवार को चिनहट स्थित रानी लक्ष्मीबाई इंटर कॉलेज में आयोजित इंस्पायर अवार्ड में शिरकत करने पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयनित 16 बाल वैज्ञानिकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

नकल विहीन एग्जाम

डॉ। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने नकल विहीन बोर्ड परीक्षाएं सम्पन्न करवाई हैं। किसी भी छात्र ने डर या सख्ती की वजह से परीक्षा नहीं छोड़ी। बल्कि जो फर्जीवाड़ा करते थे, उन्होंने परीक्षाएं छोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षो में बोर्ड परीक्षाएं और बेहतर ढंग से करवाई जाएंगी। कार्यक्रम में राज्यमंत्री संदीप सिंह, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ। अवध नरेश शर्मा, बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ। सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह, डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

सत्र की शुरुआत एक अप्रैल से

डॉ। दिनेश शर्मा ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं और मूल्यांकन भी 17 मार्च से शुरू हो रहा है जिससे समय से मूल्यांकन कार्य पूरा हो जाए। उन्होंने कहा कि अब एक अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत होगी। वहीं एनसीईआरटी का कोर्स यूपी बोर्ड के छात्रों को पढ़ना होगा। इससे आने वाले समय में अन्य बोर्ड के बराबरी पर यूपी बोर्ड के छात्र भी पहुंच सकेंगे।

बहुत कुछ कर सकते हैं बाल वैज्ञानिक

बाल वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगिता में जिन बाल वैज्ञानिकों को सम्मान मिला है, उनके साथ-साथ वे भी जिन्होंने इसमें प्रतिभाग किया, वे सभी बाल वैज्ञानिक हैं जो देश के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।

16 बाल वैज्ञानिकों को सम्मान

इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के 16 बाल वैज्ञानिकों को मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में अंशुमान झा, आरयंडू कुमार, बलवीर कुमार, शिवम वर्मा, कन्हैया कुशवाहा, रितुविजा रतन, आदित्य कुमार, इशिता सिंह, सुरभि गंगवार, आशुतोष पांडेय, अन्नावेश पांडेय, सुमेश्वर झा, शशांक शेखर, आदर्श मिश्रा, आदिति व भूमि जैन शामिल रहीं।

मॉडलों से दिखाई प्रतिभा

घर की कबाड़ से तैयार किया एसी

आगरा के दिगनेर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के हाईस्कूल के छात्र बबलू ने घर में मौजूद बेकार चीजों से एसी तैयार किया है। इसके लिए उसने प्लास्टिक की बालटी, एक छोटा पंखा, बर्फ के टुकड़े और थर्माकाल का इस्तेमाल किया। प्लास्टिक की बाल्टि में बर्फ के टुकड़े डालकर पंखा चलाने पर यह ऐसी का काम करता है। इसे तैयार करने में बबलू ने दो हजार रुपये खर्च किए।

ध्वनी प्रदूषण से बनेगी बिजली

मथुरा स्थित छाता के महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के छात्र विवेक कुमार ने ऐसा सयंत्र बनाया जो ध्वनी प्रदूषण से बिजली का उत्पादन करता है। इसके लिए उसने एक स्पीकर, ट्रांसफॉर्मर और एलईडी का बल्ब का इस्तेमाल किया। ध्वनी प्रदूषण की तरंगे ट्रांसफॉमर में जाती हैं तो वह विद्युत के रूप में परिवर्तित हो जाती है। इस मॉडल को बनाने में करीब 1600 रुपये खर्च करने पड़े।

एप से जेनरेशन गैप करने का प्रयास

ललितपुर स्थित सिद्घी सर्जन एकेडमी की कक्षा आठवीं की छात्रा भूमि जैन ने एप तैयार कर वर्तमान में जेनरेशन गैप को कम करने का प्रयास किया है। भूमि ने बताया इस ऐप के माध्यम से युवा और बुजुर्ग अपना-अपना डाटा भर सकते हैं। इसके आधार पर उनको लॉगइन पासवर्ड मिलेगा। यदि युवाओं को किसी भी रूप में चाहे वह पढ़ाने का काम हो या फिर कंसलटेंसी का, इसके लिए वे बुजुर्गो की सहायता ले सकते हैं।