अभिभावक भी चेक कर सकेंगे शिक्षकों की हाजिरी

जीपीएस से होगा कनेक्ट, मिड-डे मील की भी मिलेगी सूचना

इस ऐप की सहायता से शिक्षा में सुधार और लापरवाह शिक्षकों पर नकेल कसने में विभाग को मदद मिलेगी। इसके अलावा इस ऐप का फायदा अभिभावक भी बाखूबी उठा पाएंगे.

 

यह होगा फायदा

साथ ही ई-शिक्षा ऐप की खास बात यह है कि यह स्कूल परिसर और परिसर के बाहर 100 मीटर तक के दायरे में ही काम करेगा। इसलिए स्कूल टाइमिंग के दौरान शिक्षकों को भी इसी दायरे में रहना होगा। इस ऐप के जरिए शिक्षक छुट्टी भी ले सकेंगे। साथ ही यह ऐप मध्याह्न भोजन की जानकारी भी उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा ई-शिक्षा ऐप के जरिए स्कूलों को जीपीएस सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा। जिससे अधिकारी कभी भी शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का डेटा चेक कर सकते हैं।

 

ऐप की जरूरत

ई-शिक्षा ऐप को लागू करने का मुख्य उद्देश्य शिक्षक की उपस्थिति की सही जानकारी और जिले के सभी स्कूलों का सही डेटा सुरक्षित रखना है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि तमाम कोशिशों व नियमों के बावजूद भी शिक्षक स्कूलों से संबंधित कोई भी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं मिलीभगत कर हाजिरी में गडबड़ी के साथ ही मीड-डे मील समेत कई योजनाओं में हेराफेरी भी करते हैं।

 

ऐसे होगा डाउनलोड

इस ऐप को गूगल में प्ले स्टोर में ई-शिक्षा ऐप करके डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें तीन ऑप्शन हैं, जिसमें से एक है सिटीजन ऑप्शन। इसके जरिए अभिभावक शिक्षकों की हाजिरी से संबंधित डेटा देख सकते हैं। वहीं जरूरत पड़ने पर वह अपनी शिकायत संबंधित अधिकारियों से भी कर सकते हैं।

 

गाजियाबाद में ई-शिक्षा मॉडल ऐप की शुरुआत की जा चुकी है। अब मेरठ समेत इसे अन्य जिलों में भी लागू करने की तैयारी चल रही है। इससे शिक्षकों की लापरवाही पर लगाम कसी जा सकेगी।

- वीरेंद्र कुमार, मंडलीय समन्वयक, मीड-डे मील