दो डॉक्टर सस्पेंड, इलाज मुफ्त

सीएमओ भी चार घंटे देखें मरीज

इलाज का व्हाट्सएप पर फोटो भेजेंगे

LUCKNOW: सूबे में डेंगू के इलाज में लगातार लापरवाही के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ पर डंडा चलाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी सीएमओ और मेडिकल कॉलेजों में तैनात सीएमएस से कहा कि डेंगू के इलाज में लापरवाही का मामला सामने आने पर संबंधित डॉक्टर की जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले इलाहाबाद पीएचसी में तैनात डॉ। महेंद्र सिंह तथा मेरठ के पीएचसी में तैनात डॉ। मीनू रानी गुप्ता को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही इलाहाबाद में तैनात डॉ। नीति श्रीवास्तव को दीर्घकालीन चिकित्सा अवकाश में रहने के कारण मेडिकल बोर्ड से जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है।

चार घंटे मरीजों को सीएमओ भी देखें

मुख्य सचिव ने डेंगू के मरीजों का मुफ्त इलाज करने के निर्देश देते हुए कहा कि सीएमओ सहित अन्य चिकित्साधिकारियों को भी प्रशासनिक कार्य के साथ कम से कम चार घंटे रोगियों के इलाज के लिए देने होंगे। चिकित्सकों को अपनी ड्यूटी प्रारम्भ करने एवं छोड़ने के समय मरीजों का इलाज करते हुये अपनी घड़ी के समय को प्रदर्शित करते हुये व्हाट्सएप के माध्यम से अपने उच्च अधिकारियों को अपनी उपस्थिति भेजनी होगी। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को निर्देश दिये कि लगभग 10 जनपदों में रिक्त सीएमओ के पदों पर तैनाती तत्काल करा दी जाए। साथ ही नई तकनीक जानने के लिए डॉक्टरों को विदेश भेजा जाए। मालूम हो कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक पूरे प्रदेश में डेंगू के 210 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि अब तक डेंगू से केवल दो मौतें होने का दावा किया गया है। जबकि राजधानी में ही डेंगू से मौतों का आंकड़ा 18 से ज्यादा है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ। अनूप चंद्र पांडेय, मिशन निदेशक एनएचएम आलोक कुमार, स्टाफ ऑफिसर मुख्य सचिव राजशेखर एवं एसएन श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ये भी दिए निर्देश

- प्रमुख चिकित्सालयों में डेडीकेटेड डेंगू वॉर्ड, डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था हो।

- जिन क्षेत्रों में डेंगू के मामले ज्यादा है,ं उनकी मैपिंग कर सफाई अभियान चलाया जाए।

- नागरिकों को जागरूक करने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर वॉल पेंटिंग कराई जाए

- डेंगू प्रभावित इलाकों समेत पूरे शहर में साफ-सफाई एवं फॉगिंग अभियान चलाया जाए।

- घनी आबादियों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कराया जाए

- गरीबों को एनजीओ के जरिए मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाए

- ओपीडी में वृद्ध एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज प्राथमिकता पर हो।

- ई-मेडिकल सिस्टम लागू करने के बारे में गंभीरता से विचार करें।

'बिना इलाज नहीं लौटे मरीज'

वहीं राजधानी के डीएम सत्येंद्र सिंह ने डेंगू के खतरे के मद्देनजर इलाज और रोकथाम के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। डीएम ने कहा कि मरीज बिना इलाज के वापस नहीं लौटना चाहिए। मालूम हो कि राजधानी में अब तक 112 डेंगू के केस सामने आए हैं। इनमें से 12 मामले गुरुवार को ही पॉजिटिव आए। डीएम ने नगर आयुक्त को रोजाना सफाई व्यवस्था और फॉगिंग पर नजर रखने और रोजाना रिपोर्ट देने को कहा है। वहीं दूसरी ओर सीएमओ डॉ। एसएनएस यादव ने गुरुवार को नारी शिक्षा निकेतन कैसरबाग का भ्रमण कर मौके पर उपस्थित 1200 बच्चों को डेंगू व अन्य मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए जानकारी दी गई। साथ ही आयरन, फोलिक एसिड और अल्बेंडाजोल टेबलेट भी बांटी गई।