- लॉ एंड ऑर्डर को लेकर गरजे प्रमुख सचिव गृह

- डीजीपी ने हर थाने में समाधान दिवस शुरू करने की घोषणा की

Meerut : सूबे के प्रिंसीपल सेकेट्री होम और डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस तेवर कुछ अलग ही नजर आ रहे हैं। जिस तरह से सूर्य देवता गर्मी बरसा रहे थे। उसकी तरह से क्राइम कंट्रोल करने को लेकर दोनों ही अधिकारी अपनी जुबां से शोले उगल रहे थे। दोनों ही का कहना था कि सीएम चाहते हैं कि प्रदेश में किसी भी छोटी घटना को बड़ा होने से रोकना और बदमाशों को कंट्रोल रखा जाए। फिर चाहे वो तरीका कोई सा भी हो। लॉ एंड ऑर्डर सटीक और सुदृढ़ करने को सरकार व्यवस्था परिवर्तन को पूरी तरह से तैयार है।

आईटी पर पूरी तरह से जोर

प्रिंसीपल सेकेट्री होम दीपक सहगल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अब समय आ गया कि पुलिस डिपार्टमेंट को आईटी से पूरी तरह से लैस होना होगा। नई टेक्नोलॉजी को अपनाना होगा। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वो पब्लिक से सीधे संवाद स्थापित करने को सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करें। हरेक अधिकारी अपनी सोशल नेटवर्किंग साइट पर आईडी बनाए। वॉट्सएप का इस्तेमाल कर अपने इंफॉर्मेशन नेटवर्क को स्ट्रांग करें। अपने आप टेक फ्रेंडली बना ताकि आज की जेनरेशन के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके। साथ ऐसे बदमाशों को पकड़ सके जो अब क्राइम में टेक्नोलॉजी की सहारा लेते हैं।

आईटी स्टूडेंट्स लें मदद

प्रिंसीपल सेकेट्री होम ने आईटी सेक्टर में आईटी के स्टूडेंट्स से मदद लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जिले में काफी इंजीनियरिंग कॉलेज, जिनमें हजारों स्टूडेंट्स आईटी की पढ़ाई कर रहे हैं। ये डिपार्टमेंट को आईटी सेक्टर में मजबूत करने को काफी मददगार साबित हो सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि आईटी में अपने आपको पारंगत करना अभी से शुरू कर दें। ताकि आने वाले समय में पूरे जिले की पुलिस आईटी या साइबर एक्सपर्ट बन जाएं।

एक गाड़ी में डीएम और एसएसपी

पब्लिक में अपना विश्वास करना काफी जरूरी है। प्रिंसीपल सेकेट्री होम ने डीएम और एसएसपी को एक ही गाड़ी में जिले में घूमने की हिदायत दी। उन्होंने आईजी और डीआईजी को भी जिले के लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास कायम करने को कहा। उन्होंने एडीएम और एसपी सिटी को भी आपस में कोर्डिनेशन के अलावा आपस में मिलकर सिटी में घूमे भी।

एसपी से कम नहीं

उन्होंने ये भी कहा कि मर्डर जैसे जघन्य अपराध और महिलाओं के साथ होने वाले अपराध पर एसपी से कम स्पॉट नहीं जाएगा। मौके पर एसपी रैंक का ऑफिसर होना बेहद जरूरी है। अगर वो नहीं जाता है तो एसपी डीजीपी को रिटन में देगा कि वो स्पॉट में क्यों नहीं था?

मॉर्डन पुलिस को भ्0 करोड़ रुपए

प्रिंसीपल सेकेट्री होम ने मॉर्डन पुलिस का हवाला देते हुए कि इसके लिए हमने भ्0 करोड़ रुपए की डिमांड की है। जिसमें सूबे की सभी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। फिर इसमें थानों में पुलिस जीप हो या फिर वेपन की बात हो। या फिर प्रदेश में पुलिस को टेक्नोलॉजी की बात तो हो।

गुंडा एक्ट और एनएसए

प्रिंसीपल सेकेट्री होम ने पुलिस को गुंडों और बदमाशों को कंट्रोल करने को गुंडा एक्ट और एनएसए प्रयोग करने की इजाजत देते हुए कहा कि गुंडों और बदमाशों पर कंट्रोल करने के लिए इनसे बेहतर कोई उपाय नहीं है। उन्होंने आईजी को हिदायत देते हुए कि यहां की जेल पर खास ख्याल रखने की काफी जरुरत है। कौन अंदर जा रहा है? कौन बाहर आ रहा है? इसका पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन होना काफी जरूरी है।

समाधान दिवस

वहीं डीजीपी ने क्राइम कंट्रोल और पब्लिक की समस्याओं का समाधान करने और पब्लिक से इंट्रैक्ट करने के लिए समाधान दिवस आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पहले थाना दिवस हर शनिवार होता था। अब समाधान दिवस होगा।