यूपी आर्थोकॉन के अंतिम दिन विशेषज्ञों ने इलाज की नई तकनीकी की दी जानकारी

बरेली: यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन की 43वीं एनुअल कांफ्रेंस यूपी अर्थोकान का तीसरे दिन सुबह नौ बजे शुरू हुआ। जिसमें यूपी अर्थोकान में सुबह साइंटिफिक सेशंस हुए। जिसमें दिल्ली से आये हुए हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ। मैथ्यू वर्घिस ने पैरों और रीढ़ की हड्डी में चोट की वजह से आई विकलांगता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि उत्तम क्वालिटी के जो आर्टिफीशियल लिम्ब शरीर के नकली अंग, जो कि विदेशों से लाखों रुपए खर्च करके बनवाये जाते थे वो अब इंडिया में ही बहुत ही कम लागत में बनाये जा रहे हैं, जिससे मरीजों को बहुत सुविधा मिल रही है।

अनुभव किए साझा

मुम्बई से आए डॉ। राम चड्डा और डॉ। विशाल कुंडनानी ने कम्युनिकेशन स्किल्स एवं पर्सनालिटी डेवलपमेंट की महत्वपूर्ण बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया। चंडीगढ़ से आए डॉ। रमेश सेन ने जांघ की हड्डी के ऊपरी सिरे में हुए इन्फेक्शन नेक्रोसिस के इलाज की जानकारी दी।

गाजियाबाद से आये वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ। धीरेंद्र सिंह ने एड़ी की हड्डी में आई हुई चोट के इलाज बारे में बताया। इस मौके पर आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। अतुल श्रीवास्तव, डॉ। जमाल अशरफ को उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद का पदभार दिया। काफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ। विनोद पागरानी भी मौजूद रहे।