सैकड़ों की संख्या में शातिरों अपराधियों का डाटा किया गया है फीड

- प्ले-स्टोर से त्रिनेत्र एप को किया जा सकेगा डाउनलोड

आगरा. 17वीं लोकसभा चुनाव 2019 में व्यवधान डालने वाले शातिरों पर पुलिस का 'त्रिनेत्र' नजर रखेगा. इस दौरान कोई भी शातिर मतदान में गड़बड़ी का प्रयास करेगा, तो पुलिस त्रिनेत्र मोबाइल एप से उसकी पूरी कुडंली खंगाल लेगी. इसके बाद शातिर के खिलाफ एक्शन लिया जा सकेगा.

ऐसे किया जा सकेगा डाउनलोड

त्रिनेत्र एप को मोबाइल के प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा. इसको ऑपरेट करने के लिए पुलिस अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद एक ओटीपी प्राप्त होगा. ओटीपी को एंटर करते ही त्रिनेत्र एप काम करना शुरू कर देगा. इसमें तकरीबन आगरा से तीन हजार अपराधियों का डाटा फीड किया गया है. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना मिलने पर पुलिस को सिर्फ एक क्लिक करना होगा. उसके बाद शातिर की पूरी डिटेल पुलिस के सामने होगी.

संदिग्ध का फोटो हो जाएगा स्कैन

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि त्रिनेत्र एप में आगरा के तीन हजार अपराधियों का डाटा फीड किया गया है. इसमें कोई संदिग्ध चुनाव में नजर आता है, तो उसका फोटो क्लिक कर जैसे ही त्रिनेत्र पर डाला जाएगा, तो फोटो स्कैन हो जाएगा. फोटो स्कैन होते ही उस संदिग्ध का पूरा डाटा सामने होगा. जैसे नाम, पता, कितने मुकदमे दर्ज हैं, किस-किस अपराध में, किस थाने से जेल भेजा जा चुका है, कितने का इनाम घोषित किया जा चुका है आदि जानकारी पुलिस के पास आ जाएगी.

सीयूजी मोबाइल धारक कर सकेंगे इस्तेमाल

त्रिनेत्र एप को पुलिस विभाग में सीयूजी मोबाइल नंबर धारक ही इस्तेमाल कर सकेंगे. बता दें कि थानाध्यक्ष से लेकर इंस्पेक्टर व उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी ही इस त्रिनेत्र एप का इस्तेमाल कर सकेंगे.

जिले की स्थिति पर एक नजर

लोकसभा चुनाव 2019 को शान्तिपूर्ण संपन्न कराने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है. अभी तक धारा 107 और 116 में 22948 को 116 तीन के तहत 8728 को और 110 जी के तहत 775 को पाबंद किया जा चुका है. जिले को 73 जोन और 411 सेक्टर में बांटा गया है. अभी तक 12 अपराधियों को गुण्डा एक्ट में निरुद्ध किया जा चुका है. दो को जिला बदर किया गया है. 1737 हिस्ट्रीशीटर है. इन पर नजर रखी जा रही है.

वर्जन

त्रिनेत्र मोबाइल एप पर अभी तक अनुमानित तीन हजार क्रिमिनल्स का डाटा फीड किया गया है. ये एक प्रकार से क्रिमिनल्स डाटा बैंक है. इससे संदिग्ध का फोटा स्कैन किया जा सकेगा.

राजेश सोनकर, एसपी क्राइम आगरा