नहीं होगा एक पत्नी ही होने का प्रावधान

उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती में एक से अधिक पत्नी होने पर अपात्र होने जैसा कोई प्रावधान अब नहीं होगा। इसको लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आपत्ति के बाद सरकार ने इस प्रावधान को हटाने का फैसला किया है। बेसिक शिक्षा विभाग केसचिव आशीष कुमार गोयल का कहना है कि 19 जनवरी से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।

प्राथमिक स्कूलों के उर्दू शिक्षकों के लिए बना था नियम

प्राथमिक स्कूलों में उर्दू शिक्षक के 3500 पदों पर होने वाली भर्ती में पात्रता की शर्त में कहा गया था कि यदि किसी अभ्यर्थी की एक से अधिक पत्नियां जीवित होंगी तो वह अपात्र माना जाएगा। ऐसे ही यदि किसी महिला अभ्यर्थी ने ऐसे पुरुष से विवाह किया हो जिसकी पहले से पत्नी जीवित हो तो वह भी अपात्र होगी। इस पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व अन्य संगठनों की ओर से विरोध दर्ज कराते हुए कहा गया कि बोर्ड मुसलमानों को एक से अधिक विवाह की इजाजत देता है इसलिए इस प्रावधान को हटाया जाना चाहिए। इस विरोध पर गत दिवस ही बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने पुराने नियमों के तहत ही भर्ती का आश्वासन दिया था।

सभी पत्नियां होंगी पेंशन की बराबर हिस्सेदार

शिक्षकों की भर्ती के लिए 1981 में यह प्रावधान इसलिए किया गया था ताकि शिक्षक की मृत्यु के बाद पत्नी को पेंशन देने के मामले में किसी विवाद का सामना न करना पड़े। इस पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली का कहना है कि भारत में एक फीसद से कम मुसलमान ही एक से अधिक शादी करते हैं, बावजूद इसके इस तरह का प्रावधान लगाना बेहतर नहीं है। अगर किसी की दो पत्नी है तो आधी-आधी पेंशन दे दी जाए।

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