ट्रैप में फंसने से पहले सूचना हो जाती है लीक

25 अगस्त 2017 में चित्रकूट के निही चिरैया के जंगल में डकैत बबुली कोल के गिरोह व पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। जिसमें चित्रकूट में तैनात दारोगा जेपी सिंह शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में चारों ओर से घिर जाने के बावजूद बबुली कोल सकुशल भाग निकलने में कामयाब हुआ था। इसके बाद पुलिस ने कई बार बबुली को दबोचने के लिये ट्रैप लगाया लेकिन, हर बार वह पुलिस के फंदे में फंसने से साफ बच गया। सूत्रों ने बताया कि बबुली को तलाशने में जी-जान से जुटी एसटीएफ ने बबुली कोल के बार-बार बच निकलने के 'संयोग' की पड़ताल की तो पता चला कि पुलिस के ऑपरेशन व हर मूवमेंट की जानकारी बबुली कोल तक पहले से पहुंच जाती है।

जल्द गिर सकती है गाज

सूत्रों ने बताया कि एसटीएफ ने डीजीपी से ऑपरेशन से जुड़े एक पुलिस अफसर पर पुलिस की सूचनाएं बबुली कोल को लीक करने का शक जताते हुए शिकायत की है। बताया जाता है कि एसटीएफ ने अपने शक को पुख्ता करने के लिये कुछ सुबूत भी सौंपे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस गंभीर मामले की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ को भी दे दी गई है और जल्द ही उस अफसर पर गाज गिर सकती है। यूपी पुलिस के भीतर के इस अब तक के सबसे सनसनीखेज मसले को लेकर न तो एसटीएफ का कोई अफसर कुछ भी बोलने को तैयार है और न ही डीजीपी मुख्यालय में कोई अफसर इस पर बात करने को राजी है।    

कौन है बबुली कोल?

चित्रकूट के कोलान टिकरिया गांव निवासी मजदूर रामचरन के घर 1979 में जन्मे बबुली कोल ने कक्षा 8 की शिक्षा गांव के ही प्राइमरी स्कूल में ली। फिर इंटर की पढ़ाई के लिये बांदा चला गया। लेकिन, इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से बबुली वापस गांव आ गया और खेती करने लगा। 2007 में पुलिस ने उसे ठोकिया की मदद के आरोप में अरेस्ट किया और तमंचा दिखाकर जेल भेज दिया। जेल में उसकी मुलाकात ठोकिया के साथी लाले पटेल से हुई। जेल से छूटने के बाद बबुली ने पेशी के दौरान पुलिस टीम पर हमला कर लाले को फरार करा ले गया। जिसके बाद बबुली पाठा के जंगल में जा पहुंचा और पांच छुटभैये बदमाशों को साथ लेकर अपना गैंग बना लिया।

150 से ज्यादा मुकदमे दर्ज

ठोकिया के एनकाउंटर के बाद बीहड़ में बलखडिय़ा का एकछत्र राज हो गया। 2012 में एक शादी समारोह के दौरान बबुली की मुलाकात बलखडिय़ा से हुई। जिसके बाद वह बलखडिय़ा के गैंग में शामिल हो गया। उसके खिलाफ हत्या का पहला मामला 2012 में दर्ज हुआ जब बबुली ने टिकरिया गांव के एक ही परिवार के दो सदस्यों की हत्या कर दी। जून 2012 में बबुली ने डोंडा टिकरिया गांव में एक परिवार के पांच लोगों की पहले नाक काटी और फिर हाथ व पैर में गोली मारने के बाद उन पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। 2012 से 2016 के बीच बबुली ने 50 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा, दर्जनों का अपहरण कर मोटी फिरौती वसूली। उसके खिलाफ एमपी व यूपी में 150 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।

National News inextlive from India News Desk