रिजेक्ट हो रहे सारे आवेदन और कार्ड्स
यूपी के बरेली जिले में तहसील आंवला, ब्लॉक मझगवां के गांव बिहारीपुर डेहाजागीर के लोग पिछले चार पांच सालों से अपने गांव का नाम बदलवाने के लिए तहसील और कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाकर थक चुके थे। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बताया जा रहा है कि गांव का नाम बिहारीपुर डेहाजागीर है लेकिन करीब 4 वर्ष पहले सरकारी ऑनलाइन रिकॉर्ड में गांव का नाम बिहारीपुर जागीर दर्ज हो गया है। ऐसे में यहां के सभी राशनकार्ड बेकार हो गए हैं। खाता और खतौनी नहीं बन पा रहे हैं। पोस्टल ऑर्डर, जॉब एप्लीकेशन, स्कॉलरशिप वेरिफिकेशन, आवास, पेंशन और दूसरी पब्लिक वेलफेयर की योजनाओं का गांव के करीब 4 सौ लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

यूपी: गांव का नाम बदलने से लोग थे सुविधाओं से महरूम,फिर काम आया टि्वटर

डीएम का क्विक एक्शन
पिछले दिनों ने जब डीएम ने ट्विटर पर डीएम बरेली के नाम से ट्विटर एकाउंट क्रिएट किया। तो गांव के ही एक युवक कामरान रजा ने ट्विटर पर डीएम से गांव का नाम बदलवाने की रिक्वेस्ट की। ट्विटर के जरिए की गई शिकायत में कामरान ने बताया है कि यहां के लेखपाल जगन को मामले की जानकारी है बावजूद इसके वह आवेदन को रिजेक्ट कर रहा है। जबकि एक जिम्मेदारी सरकारी कर्मचारी होने के नाते वो गांव का नाम बदलवाने की पहल कर सकता था। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम पंकज यादव ने गांव का नाम जल्द बदलने की कार्यवाही शुरू करने की बात कही है और संबंधित लेखपाल से जवाब तलब किया है।

गांव वालों के लिए कामरान बना स्टार

कामरान ने डीएम से हुई बात जब ग्रामीणों को बताई तो सबने कामरान की जमकर तारीफ की। गांव वालों का मानना है कि जो काम वो लोग इतनी भागदौड़ के बाद भी कई साल में न करवा सके। वो काम कामरान ने घर बैठे ही कुछ ही दिन में करवा दिया।

Story: Ajeet Pratap-Bareilly for inextlive

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