- बोर्ड परीक्षा के लिए जिलों में भेजी जा रही कापियों में नहीं हो सकी कोडिंग

- नकल पर नकेल कसने के उद्देश्य से शासन ने 2011 में की थी व्यवस्था

<- बोर्ड परीक्षा के लिए जिलों में भेजी जा रही कापियों में नहीं हो सकी कोडिंग

- नकल पर नकेल कसने के उद्देश्य से शासन ने ख्0क्क् में की थी व्यवस्था

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर नकेल लगाने की बोर्ड की कवायद अभी से फेल नजर आ रही है। क्योंकि इस बार बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स को बगैर कोडिंग वाली कापियां मिलेंगी। बोर्ड की ओर से परीक्षा के लिए भेजी जा रही उत्तरपुस्तिकाओं में इस बार कोडिंग नहीं की गई है। जबकि सूबे में लगभग पांच करोड़ कापियों का वितरण किया जा चुका है। बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए शासन की ओर से कोडेड कापियों की व्यवस्था ख्0क्क् में लागू की गई थी। उसके बाद से लगातार इसको फालो किया जा रहा था, लेकिन इस बार कापियों को लेकर बोर्ड की ओर से बरती जा रही लापरवाही इस बात का प्रमाण है कि बोर्ड भी शायद नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के पूरे मूड में नहीं है।

जिले में भी बिना कोडिंग के पहुंचीं कापियां

प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ही इलाहाबाद में भी बोर्ड परीक्षा के लिए पहुंची कापियों में कोडिंग की व्यवस्था नहीं है। डीआईओएस कोमल यादव ने बताया कि जिले में पहुंची कापियों में किसी भी प्रकार की कोडिंग नहीं की गई है। जबकि पिछले कई वर्षो से कोडेड कापियां ही बोर्ड परीक्षा के दौरान यूज होती थीं। गौरतलब है कि परीक्षा के दौरान नकल माफियाओं द्वारा कापियों के बदलने जैसी कई शिकायतें दर्ज करायी गई थीं। जिसके बाद शासन ने कोडेड कापियों की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे।