PATNA: पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य के सभी थानों में दर्ज एफआईआर को वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह एवं डॉ। रवि रंजन की खंडपीठ ने धनजंय कुमार की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि थानों में दर्ज सभी एफआईआर की कॉपी मजिस्ट्रेट को भेजने के साथ ही उसे वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाए। खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा कि क्या सभी थानों में इंटरनेट व कंप्यूटर की सुविधा है या नहीं? क्या उन थानों में बिजली है?

हर थाने की हो वेबसाइट

कोर्ट में महाधिवक्ता ने जानकारी दी कि अभी तक 3,43,140 प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इतना ही नहीं समय-समय पर जिलों के एसपी इस विषयवस्तु को लेकर मीटिंग भी कर रहें हैं। इस पर कोर्ट का कहना था कि दूर-दराज के गांव स्थित थानों में किस प्रकार की कार्रवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में हर थाने में वेबसाइट की व्यवस्था हो जानी चाहिए ।

क्यों नहीं बना मेडिकल कॉलेज?

हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से 3 सितंबर तक यह बताने को कहा है कि प्रदेश के चार जिलों में कब तक मेडिकल कॉलेज बन जाने थे? फिर उस तय समय में निर्माण कार्य क्यों नहीं पूरा हुआ? देर किस बात के लिए हो रही है? एक लोकहित याचिका की सुनवाई में जानकारी दी गयी कि मधेपुरा समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण, और पूर्णिया में केन्द्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया था ।

प्रधान सचिव से मांगी जानकारी

मामले की सुनवाई करते हुए मुय न्यायाधीश मुकेश आर शाह एवं न्यायाधीश डॉ। रवि रंजन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग के प्रधान सचिव से जानकारी मांगी कि क्या इस प्रदेश को और मेडिकल कॉलेज नहीं चाहिए?