यूपीपीएससी के चेयरमैन ने भी कहा नये वर्ष की परीक्षा इसी पैटर्न पर होगी

शासन को भेज दिया गया है प्रस्ताव, ओके मिलने का इंतजार

हिमाचल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में लागू हो चुका है नया पैटर्न

ऑनलाइन परीक्षा के लिये उठाये गये कदम, आपस में नहीं टकरायेंगी परीक्षायें

ALLAHABAD: मध्य प्रदेश, हिमाचल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ के बाद अब उत्तर प्रदेश की बारी है। उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन भी नेक्स्ट ईयर से पीसीएस परीक्षा में आईएएस का पैर्टन लागू करने जा रहा है। इसका खाका आलमोस्ट तैयार कर लिया गया है। देशभर के राज्य लोक सेवा आयोगों की स्टैंडिंग कमेटी की नेशनल मिटिंग के दौरान इसका संकेत यूपीपीएससी के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह ने दिया। डॉ। अनिरुद्ध सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने भी इसका प्रस्ताव शासन को बनाकर भेज दिया है। वहां से मंजूरी मिलते ही पीसीएस 2017 की परीक्षा में इसे लागू कर दिया जायेगा।

PSC को मिले संवैधानिक मजबूती

देशभर के राज्य लोक सेवा आयोगों की स्टैंडिंग कमेटी की नेशनल मिटिंग सैटरडे को इलाहाबाद में हुई। इसके चीफ गेस्ट हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन केएस तोमर थे। इसमें अलग-अलग राज्यों के लोक सेवा आयोग के चेयरमैन शामिल हुये। इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद केएस तोमर ने पत्रकारों संग बातचीत में उन्होंने कहा कि मिटिंग का एजेंडा लोक सेवा आयोग को संवैधानिक रूप से और सशक्त कैसे बनाया जाये, था। इसके अलावा उन्होंने प्रतियोगी छात्रों के लिये गये निर्णयों की भी जानकारी दी। इस मौके पर पत्रकारों ने आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार का जिक्र किया तो केएस तोमर सवालों से बचते दिखे। हालांकि, उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के लिये भी ठोस कदम उठाये जा रहे हैं।

पूरे देश में एक समान परीक्षा ढांचा

केएस तोमर ने बताया कि सभी राज्य लोक सेवा आयोग ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तर्ज पर पीसीएस परीक्षा करवाये जाने के लिये सहमति बना ली है। उन्होंने बताया कि सभी जगहों पर पीसीएस 2017 की परीक्षा आईएएस के पैटर्न पर करवाये जाने का प्लान है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, भोपाल और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने बदले पैटर्न को लागू भी कर दिया है।

कैशलेस सिस्टम को करेंगे एडाप्ट

स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन केएस तोमर ने बताया कि लोक सेवा आयोगों में सहमति बनी है कि वे बड़ी परीक्षाओं में किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़ को रोकने के लिये ऑनलाइन परीक्षायें करवायें। इसके लिये विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी आयोग कैसलेस सिस्टम को एडाप्ट करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। पत्रकारों ने सवाल किया कि कई राज्यों की परीक्षायें आपस में टकराने से छात्रों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसपर उन्होंने कहा कि जल्द ही स्टैंडिंग कमेटी एक वेबसाइट लांच करेगी। जिसमें विभिन्न आयोगों के परीक्षा कैलेंडर प्रदर्शित होंगे। इसमें जो भी परीक्षायें आपस में टकरायेंगी। आयोग आपस में बातचीत करके परीक्षा की तिथि बदल लेंगे।

जस्टिस के समान मिले प्रोटेक्शन

केएस तोमर ने बताया कि हाल में एक शिष्टमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात करके ज्ञापन सौंपा है। जिसमें संवैधानिक संस्था लोक सेवा आयोगों को राजनैतिक दलों के प्रभाव से मुक्त करने एवं उन्हें सशक्त बनाने के लिये कई मांग की गई है। इसमें अध्यक्ष एवं सदस्यों को हाईकोर्ट के न्यायाधिशों के समान संवैधानिक संरक्षण देने की बात कही गई है। इसके अलावा अध्यक्ष एवं सदस्यों की सेवानिवृत्ति की अधिकतम आयु सीमा 62 से 65 वर्ष करने की बात शामिल है। क्योंकि, यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन नई दिल्ली के लिये भी आयु सीमा 65 वर्ष है। सैटरडे को हुई नेशनल कांफ्रेंस में तेलंगाना लोक सेवा आयोग के चेयरमैन प्रो। घटचक्रपाणि, गुजरात लोक सेवा आयोग के चेयरमैन दिनेश दास, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष आरएस विश्वकर्मा, हरियाणा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मनबीर सिंह भदाना के अलावा विभिन्न लोक सेवा आयोग के सदस्य एवं अधिकारी मौजूद रहे।

राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में मागें

आय सीमा का हो संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर निर्धारण

सभी आयोगों में वेतन, भत्तों, पेंशन में हो समानता

हमारे लिये भी अलग से हो वेतन आयोग

आयोगों को मिले वित्तीय स्वायत्ता का अधिकार

लोक सेवा आयोगों के पास हो मानवाधिकार आयोग और सूचना आयोग जैसी ताकत

जिससे निष्ठा, पारदर्शिता, ईमानदारी, निष्पक्षता, विश्वसनीयता के साथ हो काम

राज्य सरकारों का हस्तक्षेप पूरी तरह से हो खत्म

इससे पहले सेवानिवृत्ति की आयु में वर्ष 1976 में किया गया संशोधन

अध्यक्ष एवं सदस्यों के खिलाफ दर्ज हो रहे झूठे मुकदमे

इससे आयोग की गरिमा को पहुंच रही है ठेस

लोक सेवा आयोगों की नेक्स्ट नेशनल कांफ्रेंस फरवरी 2017 में गुजरात में होगी