-पावर कारपोरेशन ने लगाई बिल संशोधन पर रोक

नहीं कर सकेंगे बिल संशोधन, नए कनेक्शन जारी और पार्ट पेमेंट

- लॉक हो गए यूजर आईडी पासवर्ड

- फंस सकते हैं पावर कारपोरेशन के कई बड़े अधिकारी

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW: आजमगढ़, वाराणसी और गोरखपुर में बिजली बिल घोटालों की जांच के मामले में पूरी यूपी में पावर कारपोरेशन के इंजीनियर्स के पासवर्ड आईडी लॉक कर दिए गए हैं। इस कारण इंजीनियर अब बिल संशोधन नहीं कर सकेंगे। सूत्रों के मुताबिक इंजीनियर गलत तरीके से संशोधित किए गए बिलों को सुधार न सके, इसलिए यह स्टेप उठाया गया है। इस कारण मंडे को लेसा के बहुत से इंजीनियर लॉगइन नहीं कर सके। इससे बिलों में संशोधन, पार्ट पेमेंट से लेकर नए कनेक्शन जारी करने तक का काम ठप हो गया है।

लॉगइन करने पर मिली जानकारी

नए कनेक्शन जारी करने के लिए लेसा इंजीनियरों में मंडे को जब आईडी पास वर्ड डालकर लागइन करने की कोशिश की तो सिस्टम ने रिजेक्ट कर दिया। पता चला कि एक एक कर ज्यादातर इंजीनिरों के आईडी पासवर्ड ब्लॉक थे। जिसके कारण वह बिल रिवीजन, पार्ट पेमेंट, नए कनेक्शन जारी करने जैसे काम नहीं कर सके। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि घोटालेबाज कुछ इंजीनियर अपनी पासवर्ड आईडी का प्रयोग करके बड़े संशोधित बिलों को फिर से सुधार रहे हैं। ताकि एसटीएफ के हाथ कोई सबूत न लग सके। इसके बाद यूपी पीसीएल ने सभी इंजीनियर्स के पासवर्ड ब्लॉक कर दिए। ताकि डाटा कलेक्ट करने से पहले कोई अधिकारी इनका दुरुपयोग कर सबूत मिटा न सके।

आजमगढ़ से हुआ था खुलासा

दो हफ्ते पहले एसटीएफ ने आजमगढ़ में बड़े स्तर पर बिजली बिलों में घोटाले का मामला उजागर किया था। एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक के अनुसार आजमगढ़ की जांच हो रही है जहां पर क्8 से ख्0 करोड़ का घोटाला सामने आया। बाद में पता चला कि पूर्वांचल से ज्यादा तो पश्चिमांचल में घोटाले हुए। जिसके बाद यह जांच अब पूरे यूपी लेवल पर पहुंच गई। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक पावर कारपोरेशन के अधिकारी एसटीएफ को सहयोग नहीं कर रहे हैं जिसके कारण जांच में दिक्कत आ रही है।

इन जिलों के अधिकारी राडार पर

एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक आजमगढ़, वाराणसी, गोरखुपर सहित पश्चिमी यूपी के कई जिले और लेसा और केसा के अधिकारी अब राडार पर हैं। इन जिलों में बड़ी रकम लेकर बिजली उपभोक्ताओं को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया था। बिजली बिल घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ ने यूपी पॉवर कॉरपोरेशन के इंजीनियरों को आवंटित म्भ्00 यूजर आईडी और पासवर्ड मांगे हैं। एसटीएफ ने लगभग क्ख्00 ऐसे बिल भी कलेक्ट किए हैं जिनमें बड़े पैमाने पर छूट दी गई है। एसटीएफ की निगाह इन सभी बिलों पर है कि किसकी आईडी और पासवर्ड से इन्हें कम किया गया। इंजीनियर ने अपने सिस्टम से ही किया या किसी और के सिस्टम से किया गया।

अब तक नहीं मिला जवाब

एसटीएफ को प्रदेश में साढ़े छह हजार आईडी में से ख्ख्00 फर्जी होने की जानकारी मिली थी। एसटीएफ ने पावर कारपोरेशन से पूछा था कि जो अधिक आईडी सामने आई हैं वह किसके नाम से बनी हैं और क्यों? लेकिन अब तक पावर कारपोरेशन ने इसका जवाब नहीं दिया है। एसटीएफ ने ख्0क्क् से तैनात इंजीनियरों की जानकारी भी मांगी है। साथ ही अक्टूबर ख्0क्ब् से अप्रैल ख्0क्भ् तक बिजली बिलों के संशोधन की भी जानकारी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ को जानकारी मिली है कि इंजीनियरों ने बिजली बिलों में एक बार फिर संशोधन की कोशिश की है। ताकि एसटीएफ के हाथ सबूत न लग सकें। इसके बाद ही अधिकारियों के बिजली बिल संशोधन पर रोक लगा दी गई।

पश्चिमी जिलों में भी गड़बडि़यां

एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी यूपी में घोटाला कही अधिक बड़ा हो सकता है। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी यूपी में औद्योगिक इकाइयों के बिलों में भारी रकम लेकर बिलों में रियायत दी गई। कई बार अधिकारी छूट देने के बाद बिजली मीटर को ही खराब दिखा देते हैं। इन बिजली मीटरों को बाद में नष्ट कर दिया जाता है। जिसके बाद सबूत भी खत्म हो जाता है। जिनकी एसटीएफ जांच करने की तैयारी कर रही है।

बॉक्स बॉक्स

एसटीएफ ने मांगा था ब्यौरा

घोटाला खुलने के बाद ही एसटीएफ ने पावर कॉरपोरेशन से सभी यूजर आईडी का ब्यौरा मांगा था। साथ ही जांच के लिए चार साल के बिलों को सीज करने को भी कहा था। एसटीएफ की टीम कॉरपोरेशन के अधिकारियों की मदद से उन आईडी की जानकारी जुटाएगी जिनकी मदद से बड़े बिलों में रिवीजन किए गए। फर्जी आईडी से कितने बिल और किस सिस्टम से किए गए इसकी भी जानकारी जुटाई जाएगी। एसटीएफ जिन सिस्टम से बिलों को रिवाइज्ड किया गया उन्हें साक्ष्य के लिए कभी भी कब्जे में लिया जा सकता है।

कई बड़ों पर शिकंजा कसना तय

एसटीएफ सूत्रों मुताबिक जांच आगे बढ़ेगी तो बिजली विभाग के कई बड़े अधिकारियों की गर्दन फंसनी तय है। पकड़े गए पंकज सिंह, अमित टण्डन और परवेज अहमद ने जिन अधिकारियों के नामों का खुलासा किया था वे फिलहाल अपनी यूजर आईडी व पासवर्ड चोरी होने की बात कह रहे हैं। लेकिन उनके पास इस बात का अभी तक जवाब नहीं है कि उनकी यूजर आईडी और पासवर्ड दूसरे ने इस्तेमाल किए तो उनके पास एसएमएस अलर्ट नहीं आया। अगर आया भी तो उन्होंने अपने अधिकारियों को शिकायत क्यों नही की। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने विभाग के क्ख् अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य जुटा लिए हैं। जिनकी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है।

क्भ्00 करोड़ से बड़ा है घोटाला

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि एक दो डिवीजन में एचसीएल और पावर कारपोरेशन के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला सामने आया है। अगर पूरे यूपी में जांच की जाएगी तो यह घोटाला हजारो करोड़ का निकलेगा। पिछले तीन सालों में भ्0 फीसदी से ज्यादा बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की गई अगर यह राजस्व बिजली कम्पनियों को मिलता तो यह दरें नहीं बढ़ती। ऐसे में जब तक बिलिंग घोटालों पर पूरी तरह रोक नहीं लगती बिजली बिल की दरें भी नहीं बढ़नी चाहिए। आजमगढ़ और वाराणसी क्षेत्रों में फर्जी यूजर आईडी के आधार पर किए गए बिलिंग घोटाले को लेकर उपभोक्ता परिषद ने सीएजी आडिट की भी मांग की है। जब तक आडिट न हो बिजली बिल की दरें न बढ़ाई जाएं।

बिल संशोधन के काम पर रोक लगा दी गई है। क्0 हजार से ऊपर के बिलों का डाटा मांगा गया है उसके बाद फिर से आईडी पासवर्ड को दे दिया जाएगा।

-शमीम अहमद

एमडी, मध्यांचल।