- महिलाओं पर उत्पीड़न के सर्वाधिक प्रकरण यूपी में, वेस्ट यूपी में रेड अलर्ट

- राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य ने किया खुलासा

- मेरठ में आयोग के सदस्य ने की महिला उत्पीड़न की सुनवाई, दो दिन रहेंगे

मेरठ: महिला उत्पीड़न के सर्वाधिक केस यूपी में हैं जबकि वेस्ट यूपी में महिलाएं सर्वाधिक असुरक्षित हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सवाल के जवाब में मंगलवार को महिला आयोग के सदस्य आलोक रावत ने यह खुलासा किया। मेरठ में महिला उत्पीड़न के केसेस की सुनवाई करने आए रिटायर्ड आईएएस ने बताया कि जहां शिक्षा का स्तर अधिक है वहां महिला एवं बाल उत्पीड़न के मामले कम हैं। देश में सर्वाधिक सुरक्षित महिलाएं पूर्वी राज्यों में हैं।

हो रहा दुरुपयोग

कानून का दुरुपयोग हो रहा है। बातचीत में आयोग के सदस्य ने स्वीकारा कि बड़ी संख्या में फर्जी केसेस आयोग के पास तक पहुंच रहे हैं। आपसी लड़ाई में महिला उत्पीड़न को 15-20 प्रतिशत लोग ढाल बना रहे हैं। पैसे लेकर रेप का केस लगाने का खुलासा पिछले दिनों यूपी के ही एक जनपद में हुआ है। पहले सास, बहू का उत्पीड़न करती थी आज स्थिति बदल गई है। बुजुर्ग महिलाओं का बहू उत्पीड़न कर रही है।

सालाना 30 हजार तक केस

आयोग के सदस्य आलोक ने बताया कि सालाना 24 से 30 हजार केस देशभर से महिला उत्पीड़न के सुनवाई के लिए आ रहे हैं, यह संख्या लगातार बढ़ रही है। शिक्षा के प्रसार से एक ओर जहां महिला उत्पीड़न के केसेस में गिरावट आई है तो वहीं महिलाएं अपने हक के लिए जागरूक भी हैं, जिससे आयोग के पास शिकायतें भी बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य महिला आयोग में पीडि़ता यदि शिकायत करेगी तो निस्तारण भी शीघ्र होगा और समय भी कम लगेगा।

33 शिकायतों पर सुनवाई

मंगलवार को सदस्य को 33 शिकायतों की सुनवाई करनी थी। दो दिवसीय प्रवास के दौरान केसेस कही सुनवाई करेंगे। बुधवार को 29 केस लगे हैं। बता दें कि मेरठ के कुल महिला उत्पीड़न के कुल 324 केसेस को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने इसका स्टेट्स तलब किया था। बाद में 62 केसेस की फाइल लेकर संबंधित के विवेचक को तलब किया था। एसएसपी जे। रविंद्र गौड़, एसपी देहात राजेश कुमार, सीओ रणविजय सिंह, बीएस वीरकुमार, गजेंद्र पाल सिंह, इंस्पेक्टर नरगिस खान आदि मौजूद थे।

एक नजर में

-राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 के अन्तर्गत हुआ।

-आयोग का कार्य महिलाओं के संवैधानिक एवं वैधानिक अधिकारों को सुरक्षित रखना, उनकी शिकायतों एवं समस्याओं का निस्तारण करना।

-सरकार को महिलाओं से सम्बंधित मामलों में सलाह देना, महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बढावा देने।

ऑनलाइन करें शिकायत

सदस्य ने बताया कि महिलाएं अपनी समस्याएं व शिकायतें राष्ट्रीय महिला आयोग की वेबसाइट www.ncw.nic.in पर ऑनलाइन दर्ज करा सकती हैं।