आई एक्सक्लूसिव

-रोडवेज बस स्टेशन पर रेट लिस्ट से अधिक दर पर सामान बेचने वाले दुकानों की बन रही कुंडली, एमडी लेवल से रखी जा रही है नजर

-आरएम, एआरएम के पास अक्सर पहुंचती है पैसेंजर्स की कम्प्लेन, संदेह के घेरे में एक बाबू भी

रोडवेज कैंट बस स्टेशन पर यात्रियों को दुकानदारों द्वारा लूटने की आए दिन मिल रही कम्प्लेन पर लखनऊ मुख्यालय भी हरकत में आ गया है। टोलफ्री सहित हेल्पलाइन नंबर पर फूड रेस्ट लिस्ट से अधिक दर पर सामान मिलने की कम्प्लेन यात्रियों ने दर्ज कराई है। यही नहीं, कई कम्प्लेन आरएम, एआरएम ऑफिस तक भी पहुंचती रहती है। मगर आरएम ऑफिस में काबिज एक बाबू की वरदहस्त के कारण आरोपी फूड स्टाल्स पर कार्रवाई कभी नहीं होती। हालांकि इसकी गोपनीय सूचना हेडक्वार्टर लखनऊ में शीर्ष अधिकारियों तक पहुंच चुकी है। बनारस के अलावा अन्य जिला के डिपो में भी आवंटित दुकानों की जांच पड़ताल शुरू है। एमडी ने एक आदेश जारी किया है कि यदि किसी दुकान की शिकायतें एक माह में पांच बार से अधिक आती है तो संबंधित दुकान का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।

अफसर यात्री बनकर परखेंगे व्यवस्था

यात्री सुविधाओं की बढ़ोत्तरी को लेकर हेडक्वार्टर नया-नया हथियार अपना रहा है। सूबे भर में सबसे अधिक शिकायतें बस स्टेशन पर महंगे दर पर मिलने वाली घटियायुक्त सामानों की है। रेट लिस्ट से अधिक सामान बेचने वाले दुकानदारों का बकायदा वीडियो तक भी अब गुपचुप तरीके से रोडवेज की एक स्पेशल टीम बनाएगी। यह टीम हेडक्वार्टर से चलेगी और इसकी जानकारी लोकल अधिकारियों व कर्मचारियों को भी नहीं होगी। यह टीम छोटी-बड़ी सभी डिपो व बस स्टेशनों पर चक्रमण करेगी।

27 दुकानों की चल रही पड़ताल

हाल ही में रोडवेज अधिकारियों ने एक सर्वे कराया तो उसमें अधिकतर दुकानों में अनियमितता पाई गई। कैंट बस स्टेशन पर लगभग 27 दुकानों की जांच चल रही है। कैंटीन पर खास कर निगाह गड़ी हुई है। क्योंकि बासी भोजन और महंगे दर पर पानी, बिस्कुट, चाय पर यात्रियों ने एतराज भी जताया है। वहीं अतिक्रमण किए हुए दुकान संचालकों को नोटिस थमाकर जगह खाली कराया गया है।

एक नजर

27

दुकानें कैंट बस स्टेशन पर है

15

दुकानों में भारी अनियमितता पाई गई है

10

हजार से अधिक यात्रियों की होती है रोजाना गैदरिंग

रेट से अधिक दर पर सामान बेचने वाले दुकानों की यदि शिकायत मिलती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। दुकान का निरस्तीकरण भी संभव है।

केके शर्मा, आरएम

रोडवेज बनारस डिविजन