RANCHI : यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) सिविल सर्विसेज का पीटी रविवार को शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। किसी भी सेंटर से किसी तरह की गड़बड़ी अथवा अव्यवस्था की बात सामने नहीं आई। राजधानी रांची के फ्9 सेंटरों पर करीब भ्0 परसेंट कैंडिडेट्स पीटी में शामिल हुए। सभी सेंटरों पर सुरक्षा के मद्देनजर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जवान तैनात किए गए थे। पीटी दो पालियों में लिया गया। पहली पाली सुबह 9.फ्0 बजे से क्क्.फ्0 बजे तक चला, जबकि दोपहर ख्.फ्0 से शाम ब्.फ्0 बजे तक दूसरी पाली की परीक्षा हुई। पहली पाली की परीक्षा के बाद कैंडिडेट्स जहां थोड़ा रिलैक्स महसूस कर रहे थे, वहीं दूसरी पाली में हिंदी के क्वेश्चंस ने कैंडिडेट्स को थोड़ी परेशानी हुई। हालांकि, सीसैट को लेकर पैदा हुए विवाद को लेकर कैंडिडेट्स ने अलग-अलग विचार व्यक्त किए। सबसे खास बात रही कि जो कैंडीडेट्स हिंदी मीडियम के थे,उन्हें भी सेकेंड पेपर (सीसैट) में क्वेश्चंस को समझने के लिए इंग्लिश का सहारा लेना पड़ा।

चिपका था नोटिस

यूपीएससी द्वारा पीटी के सेकेंड पेपर के मद्देनजर दिए गए डायरेक्शन के मद्देनजर सभी सेंटरों के गेट पर ही नोटिस चिपका दिया गया था। नोटिस में लिखा था- सेकेंड पेपर के प्रत्येक सेट में इंग्लिश लैंग्वेज के कांप्रिहेंशन स्किल के क्वेश्चंस को सॉल्व नहीं करना है, क्योंकि इन क्वेश्चंस का ग्रेडेशन अथवा मेरिट के लिए इवैल्यूएशन नहीं किया जाएगा। ऐसे में कांप्रिहेंशन स्किल के क्वेश्चंस का जवाब नहीं दें, जिसका हिंदी में अनुवाद नहीं ि1दया गया है।

क्लिष्ट हिंदी से परेशानी

फ‌र्स्ट पेपर की तुलना में सेकेंड पेपर के क्वेश्चंस से कैंडिडेट्स को थोड़ी परेशानी हुई। खासकर सेकेंड पेपर में क्लिष्ट हिंदी से शब्दों को समझने में कैंडिडेट्स को समय ज्यादा देना पड़ा। एग्जाम देकर बाहर निकले कैंडिडेट्स ने बताया कि हिंदी में तो कई क्वेश्चंस समझ में ही नहीं आ रहा था, ऐसे में इंग्लिश का सहारा लेना पड़ा।