-सीसैट के पेपर में इकोनॉमिक्स के ज्यादा क्वैश्चन भी बने परेशानी का सबब

-दो पालियों में आयोजित हुई परीक्षा के दौरान जुटे अभ्यर्थी

ALLAHABAD: यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन की ओर से संडे को शहर के विभिन्न सेन्टर्स पर आयोजित हुई। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। दो पालियों में आयोजित परीक्षा में पहला पेपर तो अभ्यर्थियों को राहत देने वाला रहा लेकिन दूसरी पाली में हुए सीसैट के पेपर में कई सेक्शन ने स्टूडेंट्स को अधिक परेशान किया। परीक्षा सेंटर के बाहर निकल रहे सलोरी के धनंजय ने बताया कि पेपर तो संतुलित था। लेकिन सीसैट में पेसेज काफी लेंदी थे जिससे समय का लॉस ज्यादा हुआ। इसके साथ ही सीसैट के पेपर में इकोनॉमिक्स के प्रश्न भी इस पेपर में ज्यादा थे। जिसके कारण भी अभ्यर्थियों को टेंशन हुई। सीसैट के पेपर में ज्यादातर प्रश्न करेंट अफेयर, इकॉनामिक्स व संविधान से पूछे गए। जबकि साइंस के प्रश्नों की संख्या पिछली बार के पेपर से कम थे। इस सेक्शन में रिजनिंग के प्रश्न भी स्टैण्डर्ड थे।

दूसरी पाली में दो सौ ने छोड़ी परीक्षा

यूपीएससी की परीक्षा में 39761 अभ्यर्थियों के लिए कुल 85 परीक्षा केन्द्र बनाएं गए थे। लेकिन परीक्षा में महज 59 प्रतिशत अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। उसमें भी पहली पाली की परीक्षा के बाद दूसरी पाली की परीक्षा में लगभग दो सौ अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। एडीएम सिटी एसके शर्मा ने बाताया कि पहली पाली में 23471 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। जबकि अनुपस्थित होने वाली अभ्यर्थियों की संख्या 16290 रही। पहली पाली में अभ्यर्थियों की उपस्थिति का प्रतिशत 59 रहा। दूसरी पाली में 23276 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। वहीं अनुपस्थित अभ्यर्थियों की संख्या 26485 रही। अभ्यर्थियों की उपस्थिति का दूसरी पाली में टोटल प्रतिशत 58.5 रहा। उन्होंने बताया कि परीक्षा का सकुशल कराने के लिए प्रशासन की ओर से सभी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। परीक्षा के लिए पांच जोनल मजिस्ट्रेट और पांच प्रेक्षक आयोग की ओर से तैनात किए गए थे।

वर्जन

- इस बार का पेपर काफी स्टैण्डर्ड रहा। जहां तक पहले पेपर की बात है, तो काफी अच्छे क्वैश्चन थे। सीसैट का पेपर में पैसेंज थोड़े अधिक और लेंदी थे।

विवेक सिंह

-आईएएस के स्टैण्डर्ड की बात करें, तो पेपर ठीक था। इकॉनामिक्स और संविधान के प्रश्न ज्यादा थे। शेष पेपर की बात करें तो सब ठीक ही रहा।

अमित कुमार कुशवाहा

-रिजनिंग को लेकर टेंशन थी, लेकिन इस बार रिजनिंग के प्रश्न ज्यादा उलझाने वाले नहीं थे। इस लिहाज से पेपर ठीक रहा। अगर किसी ने ठीक से मेहनत की है, तो पेपर काफी आसानी से सॉल्व कर लेगा।

विनोद कुमार

-लास्ट इयर के मुकाबले क्वैश्चन काफी ठीक रहे। इसलिए कोई खास दिक्कत नहीं हुई। पैसेज लेंदी होने के कारण उन्हें पढ़ने और समझने में समय ज्यादा खराब हुआ।

प्रेमचन्द्र पटेल