- सीट भीगने से सफर के दौरान यात्रियों को होती प्रॉब्लम्स

- परिवहन मंत्री तक पहुंच रही बस टपकने की शिकायत

BAREILLY:

यदि आप बारिश के मौसम में परिवहन निगम की बसों से यात्रा करने की सोच रहे है, तो छतरी जरूर साथ में लेकर जाएं। क्योंकि बारिश के दौरान बसों की छतें टपक रही है, जिससे यात्री और उनका सामान बारिश में भीग जाता है। बसों में यात्रियों को सुगम यात्रा देने के परिवहन निगम प्रबंधन के दावों की पहली बारिश में ही हवा निकल गई।

बारिश का पानी बस के अंदर

परिवहन निगम बरेली परिक्षेत्र के यात्रियों के लिए फ्राइडे की सुबह दुश्वारियां लेकर आई। सुबह से हो रही बारिश से निपटते हुए यात्री जैसे-तैसे बस स्टैंड पर पहुंचे तो उन्होंने राहत की सांस ली, लेकिन बस में बैठते ही यात्रियों की परेशानियां फिर से शुरू हो गई। बसों की छतें टपक रही थीं। खिड़की के शीशे जाम थे, जिससे वह बंद ही नहीं हो रहे थे। सीट गीला होने और फर्श पर पानी होने से यात्रा करने में यात्रियों को काफी प्रॉब्लम्स हो रही थी।

कम दूरी की बसों की हालत और खराब

दरअसल, परिवहन निगम के बेड़े में शामिल 618 बसें हैं, जो विभिन्न दिल्ली, मथुरा, आगरा, पीलीभीत, उत्तराखंड, कानपुर सहित अन्य रूट्स पर चलती हैं, जिनमें एक तिहाई बसों की दशा बेहद खराब है। मरम्मत व रखरखाव के नाम पर प्रतिमाह हजारों का बजट ठिकाने लगा दिया जाता है, लेकिन बसों की दशा नहीं सुधर रहीं है। आए दिन परिवहन निगम की बसों के बीच रास्ते में खड़े होने से यात्रियों का समय व पैसे की बर्बादी होती है। वही बारिश के मौसम में खटारा बसें यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी है। कम दूरी के मार्ग पर चलने वाली बसों की दशा बेहद खराब है।

मंत्री तक पहुंची शिकायत

टपकती बसों से परेशान होकर यात्री परिवहन मंत्री से शिकायत कर रहे हैं। फैजाबाद डिपो की बस की शिकायत एक यात्री ने परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव से की थी, जिसके बाद मंत्री ने संबंधित रीजन के अधिकारियों को बस सही करने के निर्देश दिए। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा है। बरेली डिपो के यात्रियों ने बस स्टेशन के इंचार्ज और डिपो के एआरएम से की है। वहीं बस ड्राइवर और कंडक्टर्स ने भी टपकती बसों को सही करने के लिए कहा है।

जिस भी बस में बैठने गए, वहीं टपक रही थी। मजबूरी में गीली सीट पर बैठकर सफर करना पड़ा।

आबिद, यात्री

खिड़की के शीशे बंद नहीं होते हैं। जिससे बारिश का पानी बस के अंदर होता है। सीट पर बैठना मुश्किल हो जाता है।

कमर रजा,यात्री