-सूबे के परिवहन मंत्री को करना था काशी डिपो का इंस्पेक्शन

-तमाम खामियों की शिकायत करने की कर्मचारी बनाये थे प्लान

-पर धरी रह गई आस, बदतर हालात में काम करने को विवश हैं डिपो के कर्मी

सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की अधिकतर सिटी बसें कंडम को चुकी हैं, लगभग 50 बसें नीलामी के कगार पर पहुंच चुकी हैं, काशी डिपो में खुले आसमान के नीचे वर्कशॉप चल रहा है, ऑफिस की छत ढह रही, कर्मचारियों को करेंट मार रहा और जलजमाव के बीच बसें खड़ी हो रही हैं, बसों की रिपेयरिंग के लिए पा‌र्ट्स नहीं मुहैया कराये जा रहे हैं, तेल के अभाव में सिटी बसों के खड़े होने से संविदा कर्मचारियों की सैलरी नहीं बन पा रही आदि समस्याओं को लेकर रोडवेज काशी डिपो के कर्मचारी सूबे के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह से शिकायत दर्ज करने को आतुर थे। एक दिवसीय दौरे पर बनारस पहुंचे परिवहन मंत्री काशी डिपो का इंस्पेक्शन करने वाले थे, मगर इधर नहीं आकर जौनपुर निकल गए। फिर आस जगी कि जौनपुर से लौटने के बाद काशी डिपो का इंस्पेक्शन करेंगे लेकिन यह आस भी धरी की धरी ही रह गई।

चमकाया गया था काशी डिपो को

काशी डिपो में दु‌र्व्यवस्थाओं की भरमार है। लगता ही नहीं है कि यह पीएम के संसदीय क्षेत्र का काशी डिपो है। कर्मचारियों के लिए न टायलेट, शुद्ध पेयजल नहीं, कंडक्टर-ड्राइवर के लिए अदद रेस्ट रूम तक नहीं, वर्कशॉप छत विहीन और कर्मचारियों को बैठने के लिए कुर्सी-टेबल भी टूटे-फूटे मुहैया कराए गए हैं। हालांकि परिवहन मंत्री के आने की आहट पाते ही रोडवेज काशी डिपो को चमकाया गया था। साफ-सफाई काफी बेहतर ढंग से कराई गई थी।

कैंट रोडवेज बस स्टेशन भी चमका

परिवहन मंत्री के शहर में होने के कारण कैंट रोडवेज बस स्टेशन का भी स्वरूप बदला-बदला नजर आया। स्टेशन परिसर में चूने का छिड़काव कराने के साथ ही साफ-सफाई दिनभर होती रही। पूछताछ काउंटर से लेकर कार्यालयों तक को बेहतर ढंग से सजाया गया था। रोडवेज बसों को व्यवस्थित तरीके से खड़ा कराया गया था। कैंट बस अड्डे के सामने बूथ पर ट्रैफिक पुलिस भी हरकत में रही।