आई नेक्स्ट ने छापी खबर तो जागे आरएम साहब

दरअसल, गोरखपुर रीजन में कुल 219 अनुबंधित बसें हैं। इनमें से करीब 35 परसेंट बसें खटारा हो चुकी हैं। बस पैसेंजर्स की कंप्लेंट थी कि किसी बस से धुआं निकलता है तो किसी का स्टार्टर खराब है। बिना धक्का दिए ये बसें स्टार्ट नहीं होने का नाम नहीं लेती हैं। पैसेंजर्स की इस परेशानी को आई नेक्स्ट ने अपने 10 दिसंबर के इश्यू में पेज 2 पर प्रमुखता से पब्लिश किया था, जिसके बाद रोडवेज प्रशासन अपनी नींद से जागा।

खटारा बसों से परेशान थे पैसेंजर्स

गोरखपुर से तमकुही रोड, पडरौना, देवरिया, महाराजगंज, बांसी और सलेमगढ़ आदि रूट्स पर चलने वाले पैसेंजर्स को रोडवेज की इन खटारा बसों से सबसे ज्यादा प्रॉब्लम होती थी। पैसेंजर्स की परेशानी को दरकिनार कर बस मालिक अपनी मनमर्जी से इन रूट्स पर बसें दौड़ा रहे थे। रोडवेज की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक जिन रूट्स से रोडवेज की आय में प्रॉफिट होता है, उन रूट्स पर अच्छी कंडीशन वाले बसें लगाई जाएंगी।

जिन बसों की कंडीशन खराब है, उन बसों के वाहन स्वामियों को रिपेयरिंग के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी अगर कोई अपनी बसों को ठीक नहीं कराता है तो उसका टेंडर कैंसिल कर दिया जाएगा।

अतुल जैन, आरएम, गोरखपुर रीजन