- दुआओं में उठे लाखों जायरीन के हाथ, अदा हुई कुल शरीफ की रस्म

-रजा के रंग में रंगा पूरा शहर, इस्लामिया बना अकीदत के सैलाब का गवाह

<- दुआओं में उठे लाखों जायरीन के हाथ, अदा हुई कुल शरीफ की रस्म

-रजा के रंग में रंगा पूरा शहर, इस्लामिया बना अकीदत के सैलाब का गवाह

BAREILLY:

BAREILLY:

इस्लामिया ग्राउंड ट्यूजडे को अकीदमतमंदों कासैलाब उमड़ पड़ा। स्टेज से उलमा तकरीर कर रहे थे। दरगाह प्रमुख हजरत सुब्हानी मियां सरपरस्ती फरमा रहे थे। सुन्नी खानकाहों के सज्जादगान तशरीफ फरमा थे। लाखों उलमा, मुफ्तीयाने किराम और अवाम का मजमा लगा था। एक तरफ दुआ में हाथ उठे तो दूसरी ओर आसमां से नूर के रूप में फूल बरसे। सुबह कुरानख्वानी, नात व मनकबत से आला हजरत का 97वां उर्स शुरू हुआ और दोपहर करीब ख्.फ्8 बजे कुल शरीफ हुआ। कुल की रस्म के दौरान मौजूद जायरीन, उलमा और मौलाना और लाखों अकीदतमंदों ने अपने शहंशाह को खिराज पेश किया। वहीं, मथुरापुर में ऑल इंडिया जमात ए रजा ए मुस्तफा द्वारा आयोजित उर्स में भी हजारों जायरीन की मौजूदगी रही।

सूफी विचारधारा है इस्लाम

सज्जादानशीन हजरत अहसन मियां और दरगाह प्रमुख हजरत सुब्हानी मियां की ओर से टीटीएस राष्ट्रीय महासचिव मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने उर्स में की जाने वाली तकरीरों से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए। मंच से आतंकवाद के खात्मे, सूफी विचारधारा अपनाकर विश्व शांति के प्रयास को सफल बनाने, खानकाहों, मजारों, दरगाहों और मसलके आला हजरत से मजबूती से जुड़ने की अपील हुई। उन्होंने बताया कि सूफी विचारधारा वाला और खानकाहों व मजारों से मिलने वाला इस्लाम ही असल इस्लाम है। भ्रष्टाचार, नफरत, वोटों की राजनीति को मिटाने और इस्लामी शरीअत सख्ती से लागू कराने की तकरीर मंच से की। वहीं, लन्दन के मौलाना फरोग उल कादरी, मॉरीशियस के मौलाना गुफरान सुब्हानी, मौलाना मुख्तार बहेड़वी, मौलाना सगीर अहमद जोखनपुरी ने तकरीर की। कारी अमानत रसूल ने कुल पढ़ा और मौलाना मुख्तार बहेड़वी ने शजरा पढ़ा।

लाइव प्रसारण की रही धूम

उर्से रजवी के कार्यक्रमों का लाइव 'ऑडियो' प्रसारण किया गया। इस बार ऑनलाइन चैट की व्यवस्था थी। मो। जुबैर रजा खां ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले ऑडियो प्रसारण को कहीं ज्यादा लोगों ने सुना। चैट रूम में जायरीन लगातार कमेंट्स फारवर्ड कर रहे थे। ऑडियो पर गूंजने वाले नारों के जवाब भी ऑनलाइन दिए जा रहे थे। लाइव प्रोग्राम को मॉरिशस, सऊदी अरब, दुबई, इंग्लैंड, अमेरिका, अफ्रीका व अन्य देशों में सर्वाधिक सुना गया। मॉरिशस के नौशाद ज्यौटा ने कम्प्यूटर को लाउडस्पीकर से जोड़ लिया था, जिससे वहां आला हजरत के अकीदतमंद जमा हो गये थे। कइयों ने मोबाइल और कम्प्यूटर को लाउडस्पीकर से जोड़ कर गांव, मोहल्ले के निवासियों को आला हजरत के कुल और दुआ में शरीक कर दिया। वहीं, महिलाएं को भी उर्स में ऑनलाइन शिरकत करने का मौका मिला।

किताबों का हुआ विमोचन

उर्से रजवी के स्टेज से एक दर्जन से ज्यादा किताबों का विमोचन हजरत सुब्हानी मिया ने किया। जिसमें खानकाहे रजविया के सज्जादगान के इतिहास पर आधारित टीटीएस के महासचिव मुफ्ती सलीम नूरी की लिखी किताब 'जिया-ए-अहसन' और मन्जरे इस्लाम के मुफ्ती मोहम्मद अय्यूब खां नूरी की लिखी किताब 'मन्जरे अहसन', मौलाना लियाकत की 'मुफ्ती आजम नम्बर' का विमोचन मुख्य रूप से किया गया। आखिर में मुफ्ती सलीम नूरी ने दरगाह प्रमुख की तरफ से पुलिस प्रशासन, मीडिया जायरीन, लंगर वालों, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, रेलवे विभाग, बिजली विभाग, दूरसंचार, परिवहन विभाग रजाकारों टीटीएस मेम्बर और तमाम शहर वासियों का शुक्रिया अदा किया।

हेलीकॉप्टर से बरसे फूल

उर्स-ए-रजवी के पाक मौके पर पहली बार हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए। सुबह ही हेलीकॉप्टर पुलिस लाइन में पहुंच गया था। जायरीन और शहर की हर एक निगाह इस ऐतिहासिक मौके का गवाह बनने को बेकरार थी। हेलीकॉप्टर में सबसे पहले हजरत सुब्हानी मियां, आसिफ मियां, नूरी मियां और तौकीर मियां सवार हुए। करीब ख् क्विंटल फूलों को आसमां से बरसाया गया। इस मौके पर टीटीएस के परवेज खान नूरी, हाजी जावेद खान, शाहिद खान नूरी, अजमल नूरी, ताहिर अल्वी, शान सुब्हानी, तारिक सईद, औरंगजेब खां नूरी, मन्जूर खान, सैयद माजिद, मुजाहिद बेग, काशिफ, आले नबी, राहत खान, फात्र भाई, हाजी अब्बास, मोहसिन रजा, गफूर पहलवान, सरताज बाबा, सैयद मुदस्सिर अली, शहाबुद्दीन रजवी, यूनुस रजा, नईम साजिद यासीन, गौहर खान ठिरिया व अन्य लोगों ने मुस्तैदी के साथ उर्स संचालन की व्यवस्था संभाली।

जमकर हुई खरीददारी

उर्स-ए-रजवी के आखिरी दिन शहर में उमड़े जायरीन ने जमकर खरीददारी की। इस्लामिया ग्राउंड से लेकर दरगाह स्थल तक देश के अलग-अलग हिस्सों से आए दुकानदारों ने जमकर मुनाफा कमाया। दुकानों में इत्र, सूरमा, काजल, चादर और फूलों की खरीददारी जायरीन ने जमकर की। दरगाह पर चादरपोशी के लिए गुजरात, दिल्ली से रंग बिरंगी चादरों के साथ कोलकाता हयाती, मुस्क मजमुआं, जन्नत ए फरदौस इत्र की खासी डिमांड रही। खास बात यह है कि जायरीन काजल और बरेली के सूरमा पर फिदा रहे। उर्स के मौके पर साहित्यिक पुस्तकों की भी जमकर डिमांड रही। दूसरी ओर मुंबई, कोलकाता, नागपुर, बांग्लादेश, ओमान, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया से आई टोपियों की भी बिक्री खूब हुई।

तीन घंटे तक थमा रहा शहर

उर्स-ए-रजवी में कुल शरीफ की रस्म अदायगी के बाद उमड़ी जायरीन की भीड़ से करीब तीन घंटे तक शहर एक जगह थम गया। आम पब्लिक हो या फिर एंबुलेंस सब जाम में लाचार नजर आई। कागजी दावों में पुख्ता नजर आ रही ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। जाम की स्थिति एक बजे से ही बनने लगी थी। नॉवेल्टी चौराहा, अयूब खां चौराहा, चौपुला चौराहा, कुतुबखाना, रोडवेज पर भारी भीड़ जुट गई। करीब तीन बजे के आसपास इस्लामिया ग्राउंड से लोगों का रेला निकला। तो जाम ने शहर को जकड़ लिया। चौकी चौराहा, कुदेशिया फाटक, सैटेलाइट, सिविल लाइंस, बदायूं रोड़, सिटी स्टेशन, श्यामगंज, स्टेशन रोड़, शहामतगंज, कुतुबखाना व अन्य इलाके में लोग घंटो फंसे रहे।