वायुसेना विस्तार कार्यक्रम का हिस्सा

मीडिया में कार्लिल की ओर से आए बयान में अमेरिकी वायुसेना के विस्तार कार्यक्रम में भारत को भी संभावित स्थानों में बताया गया. चीन के मुकाबले के लिए बनी नई नीति में अमेरिका एशियाई मुल्कों में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने पर जोर दे रहा है. मीडिया से बातचीत में कमांडर हलबर्ट ने कहा कि अमेरिका सिंगापुर, थाईलैंड के अलावा भारत के तिरुअनंतपुरम में भी विमान तैनात करने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा फिलीपींस और इंडोनेशिया में भी अमेरिका एयर फील्ड की संभावनाएं देख रहा है.

बयान ने मचा दी खलबली

अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के हवाले से आए इस बयान ने भारत में खलबली जरूर मचा दी है. इस संबंध में पूछे गए सवालों पर रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों का कहना था कि वायुसेना ठिकानों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच किसी प्रस्ताव पर बात नहीं हो रही है. भारत किसी भी दूसरे मुल्क को अपने यहां वायुसेना ठिकाना बनाने की इजाजत नहीं देगा.

सैन्य खेमेबाजी से पहहेज

उल्लेखनीय है कि गुटनिरपेक्षता की वकालत करने वाले भारत ने हमेशा किसी भी सैन्य खेमेबाजी से परहेज किया है. सूत्रों के अनुसार नीति के तौर पर भारत किसी सैन्य गुट का हिस्सा बनने की भविष्य में भी कोई इच्छा नहीं रखता है. हालांकि अमेरिकी सैन्य अधिकारी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा अमेरिका भारत को चीन के खिलाफ अपनी रणनीति का मोहरा बनाना चाहता है. उनका कहना था कि वायुसेना ठिकानों की संभावनाओं को तो 2006 में हुए भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग के समझौते में ही जगह मिल गई थी.

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