अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बारे में कहा कि वह गोपनीय ख़ुफ़िया मामलों के बारे में और ज़्यादा टिप्पणी तो नहीं कर सकते मगर उन्होंने इतनी पुष्टि ज़रूर की, "हमने उसे वापस माँगा है, हम देखेंगे कि ईरानी इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं." ईरानी टेलिविज़न पर पिछले ही हफ़्ते उस ड्रोन आरक्यू-170 सेंटिनेल की तस्वीरें दिखाई गई थीं।

तेहरान ने कहा था कि उसने ड्रोन को इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के तरीक़ों से नीचे उतार लिया था जबकि अमरीका ज़ोर देकर कहता रहा है कि उसके ड्रोन में कुछ ख़राबी आ गई थी।

इससे पहले सोमवार को ईरानी टेलिविज़न चैनल ने बताया था कि सैनिक विशेषज्ञ ड्रोन से जानकारी निकालने के अंतिम चरण में हैं। ईरानी संसद की सुरक्षा समिति के एक सदस्य परवेज़ सोरोरी ने कहा कि ड्रोन से जो भी जानकारी मिलेगी उसका इस्तेमाल 'अमरीकी दख़लंदाज़ी के विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई में होगा.' वैसे अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने ये माना कि उन्हें नहीं लगता कि ड्रोन लौटाया जाएगा।

औपचारिक अनुरोध

क्लिंटन ने कहा, "हम अपनी चिंताओं से उन्हें साफ़-साफ़ अवगत करा रहे हैं। हमने अपने खोए हुए उपकरण के बारे में औपचारिक अनुरोध कर दिया है और ऐसा हम किसी भी सूरत में करते। मगर आज तक जैसा ईरान का बर्ताव रहा है, हम उनसे किसी जवाब की उम्मीद नहीं कर रहे हैं."

उन्होंने कहा कि ईरान की कई भड़काऊ कार्रवाइयों के बावजूद अमरीका कूटनीतिक रास्ता ही अपनाएगा।
ईरानी टेलिविज़न पर रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सदस्यों को उस ड्रोन का निरीक्षण करते हुए दिखाया गया था और उसके अधिकारियों के मुताबिक़ ये ड्रोन अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगभग 250 किलोमीटर उनकी सीमा में था।

वैसे अमरीका को चिंता इस बात की है कि ईरान या उसके साथी ड्रोन के रडार की पकड़ में न आने वाले पेंट का सम्मिश्रण जानने की कोशिश कर सकते हैं या फिर उसके इंजन की नकल हो सकती है। ईरान इस बारे में संयुक्त राष्ट्र में विरोध दर्ज का चुका है।

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