क्या कहा विदेश विभाग की उपप्रवक्ता ने  
इसको लेकर विदेश विभाग की उपप्रवक्ता मैरी हार्फ ने अपने एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'मुंबई आतंकी हमले के कथित साजिशकर्ता लखवी को जमानत मिलने के बारे में मिली रिपोर्ट पर हम बेहद चिंतित हैं.' इसी के साथ ही हार्फ ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा, 'पाकिस्तान सरकार ने मुंबई (हमले) के साजिशकर्ताओं को सजा दिलाने में पूरी तरह से सहयोग करने का वादा किया है और हमने उनसे इस प्रक्रिया को अभी जारी ही रखने का अनुरोध भी किया है.'

अमेरिका ने भारत पर टिप्पणी करने से किया इंकार
गौरतलब है कि गत18 दिसंबर को एटीसी इस्लामाबाद के जज कौसर अब्बास जैदी ने 54 वर्षीय लखवी के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने के आधार पर उसे जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया था, लेकिन पाकिस्तान सरकार उसे जेल से छोड़ती उससे पहले ही भारत ने उसपर अपना सख्त ऐतराज जताया. इससे मजबूर होकर पाकिस्तान सरकार ने उस पर शांति भंग की दफाएं लगाकर उसे अगले तीन महीने तक जेल में बंद रखने का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही ये भी स्पष्ट कर दिया कि लखवी के खिलाफ वह सोमवार को हाईकोर्ट में अपील करेंगे. इसी बीच, अमेरिका ने जम्मू कश्मीर के चुनावों को भारत का अंदरूनी राजनीतिक मुद्दा बताया है और कहा है कि इस संबंध में किसी भी तरह की टिप्पणी वह नहीं करेगा. हार्फ ने जम्मू-कश्मीर के चुनावों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि यह जाहिर तौर पर भारत का अंदरूनी राजनीतिक मुद्दा है.

कसाब ने खोला था लखवी का नाम
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सरकार ने लखवी को पेशावर में 148 लोगों के आतंकी हमले में मारे जाने के अगले दिन जमानत मंजूर की थी. 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे. हमले की साजिश और पाकिस्तान से उसके संचालन की पूरी कमान लखवी ने ही संभाल रखी थी. पाक आतंकी अजमल कसाब ने अपना जुर्म कबूलते हुए लखवी को मुख्य साजिशकर्ता बताया था.

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