पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मारने में सीआईए की मदद करने वाले डॉक्टर शकील आफ़रीदी को कैद की सज़ा सुनाई गई है। डॉ आफ़रीदी को सज़ा दिए जाने से नाराज अमरीकी सेनटरों ने पाकिस्तान से नाराजगी जताने के लिए यह कटौती की है।

सेनेट की अप्रोप्रिएशन्स समिति ही अमरीकी प्रशासन को चलाने के लिए धन मंजूर करती है। इस समिति के तीस के तीसों सेनेटरों ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता दिए जाने संबंधित इस प्रस्ताव के हक में मतदान करके सर्वसम्मति से पारित किया।

पाकिस्तान के एक कबाईली जिरगे ने डॉ आफ़रीदी को तैंतीस साल की सजा सुनाई है। और इसी से नाराज़ होकर अमरीकी सेनेट की समिति ने डॉ आफरीदी को सज़ा के तौर पर दिए गए हर साल के बदले 1 मिलियन या दस लाख डॉलर कुल आर्थिक मदद की रकम में से काट लिया है। पिछले साल ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के एबटाबाद में पाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ अमरीका के कई राजनीतिज्ञों में नाराजगी बढ़ गई है।

नाराजगी

उसके बाद नेटो सप्लाई रोकने का मामला हो या फिर डॉ आफरीदी को सज़ा दिए जाने का मामला, अमरीका के रिपबलिकन और डेमोक्रेट दोंनो ही पार्टियों के सांसदों ने सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह पाकिस्तानको खरी-खोटी सुनाई है।

इस ताजा मामले में रिपब्लिकन पार्टी के सेनेटर लिंडजी ग्रैहम ने कटौती का प्रस्ताव रखते हुए कहा, “हमें पाकिस्तान की ज़रूरत है, पाकिस्तान को हमारी ज़रूरत है। लेकिन हम यह नहीं चाहते कि पाकिस्तान हमारे साथ दोमुंखी रवैय्या अपनाए। मदद तो अमरीका से ले लेकिन हक्कानी नेटवर्क का भी साथ दे जो अमरीकी फौजियों को मारते हैं.”

पाकिस्तान को इसी प्रकार के विचारों से नवाज़ने वाले एक और अहम सेनेटर पैट्रिक लीही ने कहा,“पाकिस्तान की अगर दोस्ती ऐसी है तो उसकी दुश्मनी कैसी होगी.” अब यह प्रस्ताव संसद के दोंनो सदनों में बहस के लिए जाएगा।

अमरीकी विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने भी डॉ आफ़्रीदी को 33 साल की कैद की सज़ा की निंदा की है। उन्होंने कहा, “उनको इतनी सख्त सज़ा दिया जाना अन्यायपूर्ण हैं। एक बदतरीन कातिल को मारने में डॉ आफ़्रीदी की मदद बहुत अहम थी और वह पाकिस्तान और अमरीका समेत पूरे विश्व के हित में उठाया गया कदम था.” हिलरी क्लिंटन ने कहा कि वह पाकिस्तान से इस बारे में बातचीत करती रहेंगी।

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