वाशिंटन (पीटीआई)। अमेरिका और ईरान के बीच प्रतिबंध मामले को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका अब मिडिल ईस्ट में अपना युद्धपोत और बमवर्षक तैनात कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अमेरिकी हितों या उसके सहयोगी देशों पर कोई हमला हुआ तो उसे भारी बल प्रयोग का सामना करना पड़ेगा। बोल्टन ने रविवार को कहा, 'ईरान कई बार हमले की चेतावनी दे चुका है और इन्हीं बातों को देखते हमने विमानवाहक पोत यूएसएस अब्राहम लिंकन और बमवर्षक टॉस्क फोर्स को मिडिल ईस्ट में तैनात करने का फैसला किया है।

अमेरिका नहीं चाहता युद्ध

इसके साथ बोल्टन ने यह भी कहा कि अमेरिका ईरानी शासन के साथ कोई युद्ध नहीं करना चाहता लेकिन हम ईरानी बलों के किसी भी तरह के हमले या युद्ध का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। चाहे वह प्रॉक्सी, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स या नियमित ईरानी सेना द्वारा ही क्यों ना किया जाये। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। इसके बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा गया। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इस अमेरिकी फैसले को एक गलती बताया था और साथ ही यह भी कह दिया कि असल में अमेरिका ही 'विश्व आतंकवाद का लीडर' है।

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प्रतिबंध के बाद बढ़ा तनाव

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मई में ईरान के साथ एक परमाणु समझौते को तोड़ दिया और तेहरान के तेल निर्यात को पूरी तरह से खत्म करने के लिए वहां कई प्रतिबंध लगा दिए, जिसके बाद ईरान को काफी नुकसानों का सामना करना पड़ा। इसके बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव शुरू हो गया।

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