दो जनवरी से बंद होंगे अमेरिकी हमले

अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों मुल्ला उमर व अन्य तालिबान नेताओं पर दो जनवरी के बाद से हमला नहीं करने की बात की है. हालांकि इसके साथ ही कहा गया है कि अमेरिका इनके खिलाफ तभी कदम उठाएगा, जब वे सीधे अमेरिका के लिए कोई खतरा पैदा करेंगे. पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक, सिर्फ तालिबान का सदस्य होने का यह अर्थ नहीं है कि अमेरिका उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा. उन्होंने लड़ाका व गैर लड़ाका तालिबान को अलग करते हुए कहा कि ऐसे लोग जो कि लगातार लड़ते रहना चाहते हैं, उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा. हालांकि, किर्बी ने स्पष्ट कर दिया कि अगर तालिबान ने अमेरिका या हमारे अफगान साथियों के खिलाफ कोई अभियान चलाया तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

ओबामा ने पूरा किया वादा

ओबामा ने अमेरिकी जनता से 2014 के अंत तक पूरी अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का वादा किया था. इसके बाद इस महीने के अंत तक अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापस जा रही है. गौरतलब है कि शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रेसीडेंट ओबामा ने 2014 के अंत तक अफगानिस्तान से सेना हटाने के अपने वादे को पूरा करने की बात कही थी.

अफगानिस्तान ने कसी कमर

दिसंबर के अंत तक अमेरिकी सेना की निकासी के साथ ही अफगानिस्तान की सरकार के लिए तालिबानी आतंकियों का संकट बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए अफगान सेना ने 'क्लीनस्वीप' ऑपरेशन शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत अफगान सेना ने हाल ही में 28 आतंकी मारे हैं. रक्षा मंत्रालय के अनुसार बताया कि सेना ने यह ऑपरेशन हेलमंड, समेत कई प्रांतों में चलाया है. इस ऑपरेशन में एक पाकिस्तानी मूल के तालिबानी कमांडर समेत 28 आतंकी मारे गए थे. इस ऑपरेशन में आतंकियों की ओर से भारी गोलीबारी में पांच सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे.

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