प्रमुख सिनेटरों ने जताया विरोध
पाकिस्तान को अमेरिका से एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री का मामला फंसता नजर आ रहा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका पर अमेरिकी सांसदों के सवाल के कारण यह स्थिति बनी है। इस बिक्री पर भारत पहले ही एतराज जता चुका है। हालांकि ओबामा प्रशासन ने भारत के विरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में पाकिस्तान को मदद मिलेगी। लेकिन, अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों की ओर से इस बिक्री पर सवाल उठाने के बाद ओबामा प्रशासन बैकफुट पर है।
सुरक्षित नहीं पाकिस्तान को जेट देना
अमेरिकी सीनेट की प्रभावशाली विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बॉब कॉर्कर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान दोहरा रवैया अपनाता है। वह अभी भी तालिबान, हक्कानी नेटवर्क का समर्थन करता है। अल-कायदा का सुरक्षित पनाहगार बना हुआ है। ऐसे में उसे लड़ाकू विमान देना सुरक्षित नहीं माना जा सकता। वहीं, सीनेटर पॉल रैंड ने पाकिस्तान को ऐसा देश करार दिया जो कभी दोस्त तो कभी दुश्मन बन जाता है। दोनों रिपब्लिकन सांसदों ने ओबामा प्रशासन पर अमेरिकी करदाता का धन पाकिस्तान को देने का आरोप भी लगाया। विदेश मंत्रालय की ओर पेश वार्षिक बजट प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान कॉर्कर ने विदेश मंत्री जॉन केरी से इस बिक्री को लेकर कई सवाल किए।
पाकिस्तानी प्रयासों का मुल्याकन करना होगा
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