अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव बढऩे लगा है. दोनों देशों के बीच रणनीतिक बातचीत अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गई है. दोनों देशों के बीच बातचीत को अमेरिका की तरफ से रोक दिया गया है. अमेरिका का कहना है कि जब तक दोनों देशों के बीच मतभेद दूर नहीं होते तो बातचीत नहीं होगी. इसी बीच, अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली मिलिट्री सहायता को भी रोकने की धमकी दी है. वहीं, 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की नकद सहायता राशि को भी रोक लिया है.

अनसुलझे मुद्दे

ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद से ही अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तनाव बढऩे लगा था. ओसामा की मौत के बाद पाकिस्तान में उपजे तनाव के बीच पाकिस्तान दौरे पर पहुंची हिलेरी क्लिंटन ने कहा था कि दोनों देश जल्द ही रणनीतिक बातचीत शुरू करेंगे, लेकिन कुछ मुद्दों पर मतभेद के चलते बातचीत के लिए कोई तारीख तय नहीं हो पाई. सिक्योरिटी से जुड़े अमेरिका के एक ऑफिसर ने बताया कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच रणनीतिक बातचीत की गुंजाइश नहीं दिख रही है. इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के बीच कई मुद्दे अनसुलझे हैं, जिन्हें सुलझाने की कोशिश की जा रही है.

अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की नकद सहायता राशि को भी रोक लिया है. पाकिस्तान और अमेरिका के बीच पहले दौर की रणनीतिक बातचीत अक्टूबर, 2010 में वॉशिंगटन में हुई थी. इस साल इसे मार्च में होना था. सीआईए के एक अमेरिकी कांट्रैक्टर द्वारा दो पाकिस्तानियों की हत्या के बाद उपजे तनाव के चलते यह बातचीत नहीं हो पाई .

80% explosive devices come from Pakistan

आईएसआई पाक में स्थित ठिकानों को न सिर्फ सहायता और बढ़ावा देती है, बल्कि उन्हें ट्रेनिंग और सीक्रेट इनफॉर्मेशन भी देती है. पेंटागन के रिटायर्ड जनरल जैक कीन ने वाशिंगटन स्थित एक थिंक टैंक में कहा कि पाक में दो अमोनियम फैक्ट्रियां हैं. अमेरिका व अफगानिस्तान के सोल्जर्स और अफगानिस्तान के लोगों को मारने में उपयोग किए गए 80 परसेंट एक्सप्लोजिव्स पाक से आते हैं. कीन ने बताया कि पाक की न्यूक्लियर कैपेसिटी को देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में इसके रणनीतिक नतीजे अफगानिस्तान से ज्यादा गंभीर होंगे. वहां के चरमपंथी देश की सत्ता हथिया कर न्यूक्लियर वेपंस पर कब्जा करना चाहते हैं.

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