अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों ने समलैंगिक विवाहों को वैध ठहराया, वहीं चार जजों ने इसका विरोध किया। इस फैसले के साथ ही अमेरिका इस साल समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला पांचवां और कुल मिलाकर 21वां देश हो गया है। इससे पहले स्लोवेनिया, फिनलैंड, लग्जमबर्ग और आयरलैंड समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दे चुके हैं। हालांकि इस फैसले के पहले भी अमेरिका के 37 राज्यों और वाशिंगटन डीसी में समलैंगिक विवाह वैध था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इसे देश के सभी 50 राज्यों में मान्यता मिल गई है। फैसले का जब एलान हुआ तो बाहर मौजूद लोगों ने एक दूसरे को बधाई देकर इसका स्वागत किया। यह फैसला समलैंगिक अधिकार आंदोलन के लिए एक बड़ी जीत है। इससे पहले 2010 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने समलैंगिकों को खुले तौर पर सेना में शामिल किए जाने को मंजूरी दी थी।

जज ने अपनी रूढि़वादी इमेज से अलग सुनाया फैसला

जस्टिस एंथनी केन्नेडी ने बहुमत का फैसला सुनाते हुए कहा कि समलैंगिक अपने लिए कानून की नजरों में समानता की मांग कर रहे हैं। संविधान उन्हें यह अधिकार देता है। केन्नेडी को हालांकि रूढि़वादी जज माना जाता है, लेकिन इस मामले में उन्होंने चार अन्य उदार जजों का साथ दिया। 1988 में रोनाल्ड रीगन द्वारा जज बनाए गए केन्नेडी को समलैंगिक अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के सभी चार बड़े फैसले लिखने का श्रेय भी है। नजदीकी मामलों में अधिकतर उनका फैसला निर्णायक होता है।

चीफ जस्टिस थे खिलाफ

मुख्य न्यायाधीश जॉन राबट्र्स ने समलैंगिकों विवाह को मंजूरी देने का जोरदार विरोध किया। अपने 10 साल के कार्यकाल में पहली बार उन्होंने बहुमत से अलग फैसला लिखा। उन्होंने कहा कि हालांकि इसके पक्ष में जोरदार तर्क दिए गए हैं, लेकिन फिर भी राज्यों को विवाह कानून बदलने के लिए मजबूर करने में अदालतों की कोई भूमिका नहीं है। समलैंगिक विवाह का विरोध करने देने वाले अन्य जजों ने कहा कि इससे देश का लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।

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