ओबामा ने सेना भेजने के लिए रखीं शर्तें

इराक में अल कायदा से प्रेरित उग्रवादियों ने मोसुल शहर सहित देश के सुन्नी पॉप्युलेशन वाले इलाके पर कब्जा कर लिया है. इसके बाद उन्होंने बगदाद की ओर कूच भी कर दिया है. अब  इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी की सरकार के सामने संकट गहरा गया है. वहां की सरकार अभी तक उग्रवादियों को रोकने में पूरी तरह असफल रही है. इस बीच अमेरिका के प्रेसीडेंट ओबामा ने इराक में अपनी सेना भेजने से मना कर दिया है. ओबामा ने यह शर्त रखी है कि अगर इराक की सरकार इस बारे में कोई पॉलिटिकल प्लानिंग करती है तभी वे अमेरिकी सेना को इरा में भेजेंगे वरना नहीं.

अमेरिका ने अपने लोगों को इराक से हटाया

बगदाद में सुन्नी मजोरिटी वाले इलाके मुख्य वायु ठिकाने से तीन विमानों से अमेरिकी सिटिजन्स को हटा लिया गया है. जर्मनी ने भी अपने लोगों से जल्दी से जल्दी इराक छोड़ने को कहा है.

इराक पर ड्रोन कैंपेन की प्लानिंग कर रहा अमेरिका

ओबामा ने कहा कि इराक को अमेरिका से ज्यादा मदद की जरूरत है. हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया वे किस तरह से इराक की सहायता करना चाहते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि  अमेरिका इराक पर ड्रोन कैंपेन चलाने के बारे में सोच रहा है. यूएन सिक्योरिटी काउंसिल  ने इस संकट पर बैठक की है.

पांच लाख लोगों ने इराक से पलायन किया

उत्तरी इराक में इस्लामी उग्रवाद की वजह से सैकड़ों लोग रोज पलायन कर रहे हैं. सोमवार से अबतक उत्तरी इराक छोड़ने वालों की संख्या लगभग 5 लाख तक पहुंच चुकी है.

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