-पटना यूनिवर्सिटी के पैट नियम में यूजीसी के पीएचडी रेग्यूलेशन 2016 की हो रही अनदेखी

-पीयू का मामला राजभवन के पास निर्णय के लिए अटका

क्कन्ञ्जहृन्: तीन साल बाद एक बार फिर पटना यूनिवर्सिटी में पीएचडी करना मुसीबत हो गया है। करीब 100 से अधिक स्टूडेंट्स जिन्होंने पीएचडी के लिए प्री पीएचडी टेस्ट 'पैट' के लिए आवेदन किया और क्वालिफाई भी हुए, लेकिन उन सभी के भविष्य पर ग्रहण लग गया है। क्योंकि राजभवन ने पैट रिजल्ट पर रोक लगा दी है। इस दौरान कई ऐसे जेआरएफ क्वालिफाइड स्टूडेंट्स का स्कालरशिप तो छूटा ही, जो नेट क्वालिफाइड थे उन्हें पीयू के पैट रिजल्ट के मेरिट लिस्ट में कोई स्थान भी नहीं दिया गया। प्रभावित स्टूडेंट्स ने इन बातों को राज्यपाल के समक्ष रखा तब इस पर रोक लगी।

पैट में ये है गड़बड़ी

आखिर क्या है प्री पीएचडी टेस्ट 'पैट' का मामला। इस बारे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सभी पक्षों से जानकारी ली। इससे पता चला कि पीएचडी के लिए यूजीसी गाइडलाइन 2016 को पटना यूनिवर्सिटी नहीं मान रहा है। पीयू ने मेरिट लिस्ट पैट परीक्षा के इंटरव्यू के मा‌र्क्स और पीजी मा‌र्क्स के आधार पर बनाया है। जबकि इसमें शामिल होने वाले वैसे कैंडिडेट जो नेट या जेआरएफ हैं, उन्हें कोई वरीयता या उसका मा‌र्क्स मेरिट में नहीं जोड़ा गया है। विरोध कर रहे स्टूडेंट्स ने इसे लेकर आपत्ति जताई है। मामला राजभवन में है।

कर्मियों के लिए पैट जरूरी नहीं

इस पूरी प्रक्रिया में पीयू के कर्मचारियों का मामला भी है। इसके मुताबिक जो कर्मचारी पीयू में पांच साल से अधिक समय से काम कर रहे रहे हैं उन्हें पैट की परीक्षा से छूट दी गई है। ऐसे केस मात्र पांच- सात हैं। जबकि बताया जा रहा है कि पीयू इसे बहुत महत्व दे रहा है। समस्या यह है कि बिना परीक्षा दिए कैसे उन्हें रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा। मेरिट में वे कैसे स्थान पाएंगे आदि ऐसे सवाल सवाल हैं जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। क्योंकि इस वजह से मेरिट वाले छात्र प्रभावित हो रहे हैं।

पीयू यूजीसी 2016 के रेग्यूलेशन को नहीं मान रहा है। यही सभी समस्याओं की जड़ है। मेरिट में नेट का मा‌र्क्स भी जुडे़।

-शेखर सुमन, पैट और जेआरएफ पास स्टूडेंट

पीयू के टालमटोल रवैए के कारण मेरा जेआरएफ लैप्स हो गया। पैट आने के बाद भी यही स्थिति है। स्टूडेंट क्या करे।

-सुशील शाह, पैट और जेआरएफ पास स्टूडेंट

पीयू के गलत निर्णय के कारण आज यह दिन स्टूडेंट्स को देखना पड़ रहा है। इसे बदलना होगा।

-सिंधु कुमारी, हिंदी, पैट पास

पैट रिजल्ट के मानक में छात्र बदलाव चाह रहे हैं। मामला राजभवन के निर्णय पर छोड़ दिया गया है।

-डॉ एनके झा, डीन, छात्र कल्याण, पीयू