उप्र के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों के साथ की बैठक

HARIDWAR: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्ति बंटवारे में कोई विवाद नहीं है। उत्तर प्रदेश बड़ा भाई होने के नाते उत्तराखंड को कोई परेशानी नहीं होने देगा। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की लखनऊ में हुई वार्ता के बाद बरेली में परिसंपत्तियों के बंटवारे का सफर तय हो रहा है। धीरे धीरे सब कुछ हस्तांतरित हो जाएगा। कहा नहरों का बंटवारा हो चुका है। आगे भी सब हो जाएगा। यह बात उप्र के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने हरिद्वार के अलकनंदा गेस्ट हाउस में अफसरों की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही।

गंगा में नहीं गिरेगी गंदगी

इस दौरान मंत्री ने उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर निशाना साधा। कहा कि सपा व बसपा की सरकार कसाइयों के हित में फैसले ले रही थी, जबकि योगी सरकार किसानों के हित में फैसले ले रही है। उन्होंने यह भी एलान किया कि उत्तर प्रदेश के किसी भी उद्योग की गंदगी अब गंगा में नहीं गिरेगी।

ये नहरें मिली उप्र से

नहर का नाम, लंबाई

जगजीतपुर रजवाहा, 9.ब्भ्ब् किमी

नेवीगेशन चैनल, ख्.ख्ख्0 किमी

कनखल अल्पिका, म्.क्00 किमी

चांदपुर अल्पिका, क्.ख्क्0 किमी

पंजनहेड़ी अल्पिका, म्.8ब्0 किमी

सराय अल्पिका, भ्.7भ्0 किमी

एक्कड़ अल्पिकाप, ख्.म्क्0 किमी

मिल अल्पिका, 7.7ख्ब् किमी

इब्राहीमपुर अल्पिका, ब्.8फ्0 किमी

अहमदपुर¨लक अल्पिका, भ्.म्फ्0 किमी

अलीपुर अल्पिका, फ्.ब्ख्0 किमी

बहादराबाद अल्पिका, ब्.8फ्0 किमी

रोहालकी अल्पिका, ब्.म्फ्0 किमी

मनोहरपुर अल्पिका, क्.म्क्0 किमी

बांयी खेलड़ी अल्पिका, 0.800 किमी

दांयी खेलड़ी अल्पिका, क्.ख्क्0 किमी

मंगलौर अल्पिका, ख्.ब्क्ब् किमी

लिब्बरहेड़ी अल्पिका, फ्.फ्क्7 किमी

नसीरपुर अल्पिका, क्.ख्07 किमी

हरचंदपुर अल्पिका,म्.ब्फ्7 किमी

ब्रह्मपुर अल्पिका,क्.ख्07 किमी

देयकी अल्पिका,क्.ख्07 किमी

टिकोला अल्पिका,ब्.ख्ख्ब् किमी

खेड़ा अल्पिका, भ्.0ख्8 किमी

गदरजुड़ा अल्पिका,भ्.ब्फ्0 किमी

लखनौता अल्पिका,ब्.8ख्8 किमी

कांगड़ी अल्पिका,8.भ्ख्भ् किमी

तासीपुर रजवाहा, भ्.ख्70 किमी

वीआईपी घाट अब शंकराचार्य घाट

उप्र के ¨सचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने रविवार को हरिद्वार में शंकराचार्य जयंती के मौके पर एलान किया कि अब वीआईपी घाट को शंकराचार्य घाट के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि अब वीआईपी संस्कृति समाप्त हो रही है। इसलिए वीआईपी घाट का नाम बदलकर शंकराचार्य घाट किया गया है।