जीएसटीआर-3 बी में चेंजिंग का ऑप्शन कर दिया गया खत्म

व्यापारी हुए परेशान, नहीं हो पा रहा भूल सुधार, सब्मिट करने को ही मान लिया जा रहा है फाइलिंग

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: जीएसटी न हुआ जी का जंजाल हो गया है। कारोबार छोड़कर व्यापारी इसके नियम कानून समझने में ही हलकान हुए पड़े हैं। एक फैक्ट को समझ भी नहीं पाते हैं तब तक दूसरा चेंज आ जाता है। लेटेस्ट चेंज है जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइलिंग में। जीएसटी काउंसिल ने कुछ दिनों पहले ही दी गयी सुविधा जीएसटीआर-3बी सब्मिट करने के बाद गलती सुधारने का मौका बुधवार को वापस ले लिया गया। गलती होने पर चेंज का ऑप्शन ही बंद कर दिये जाने से व्यापारी सन्नाटे में आ गये।

20 थी फाइलिंग की लास्ट डेट

जीएसटी काउंसिल द्वारा जनवरी महीने का जीएसटीआर-3बी जमा करने के लिए 20 फरवरी की डेट निर्धारित की गई थी। जिसके तहत व्यापारियों को यह सुविधा दी गई थी कि व्यापारी जीएसटीआर-3बी भरते समय कोई गड़बड़ी करते हैं तो उसमें भूल सुधार कर सकते हैं। इसके लिए जीएसटी काउंसिल द्वारा जीएसटीआर-3बी भरते समय पहले उसे सबमिट करने और सबमिट के बाद फाइलिंग करने पर ही उसे फाइनल माना जाता था। जीएसटी नेटवर्क द्वारा मंगलवार 20 फरवरी को ही व्यापारियों को कोई सूचना दिए बगैर जीएसटीआर-3बी सब्मिट के बाद चेजिंग का ऑप्शन समाप्त कर दिया गया।

एक लाख की जगह 10 लाख पर टैक्स

मुट्ठीगंज के रहने वाले एक व्यापारी ने अपने फर्म का जीएसटीआर-3बी रिटर्न भरा। रिटर्न भरते समय उन्होंने ध्यान नहीं दिया और एक जीरो बढ़ गया। नतीजा एक लाख रुपये की जगह 10 लाख रुपये एमाउंट भर दिया। जीएसटीआर-3बी सबमिट के बाद जब उन्होंने गलती देखा और बदलाव का प्रयास किया तो पता चला कि अब बदलाव नहीं होगा। सबमिट के बाद ही जीएसटीआर-3बी फाईल हो गया। जिसके बाद व्यापारी के लिए समस्या ये खड़ी हो गई है कि अब उसे दस लाख रुपये के हिसाब से टैक्स जमा करना होगा। जब तक टैक्स जमा नहीं होगा, तब तक लायबिलिटी बनी रहेगी।

जीएसटी नेटवर्क और जीएसटी काउंसिल शुरू से मनमाने तरीके से व्यापारियों पर नियम कानून थोपता चला आ रहा है। बगैर किसी सूचना के जीएसटीआर-3बी में बदलाव का ऑप्शन बंद करना गलत है। मुट्ठीगंज के व्यापारी की समस्या की शिकायत जीएसटी हेल्प डेस्क और ज्वाइंट कमिश्नर जीएसटी से की गई। जवाब मिला कि कम्प्लेन मेल कर दें।

संतोष पनामा

संयोजक, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल