अपराधी का पता चलेगा इतिहास
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लखनऊ।
डीजीपी ओपी सिंह द्वारा समस्त एसएसपी/एसपी को अपराधों की रोकथाम के लिए निर्देश दिए थे। इसमें कारित अपराधों में अपराधियों को प्रचलित कानून के अनुसार सजा दिलाने के लिए अपराधियों के डिजिटल ऑनलाइन डोजियर बनाने को कहा गया था। इसके अनुपालन में मुख्यालय द्वारा 'त्रिनेत्र' यूपी पुलिस मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया गया है। इसके जरिए संदिग्धों के पकड़े जाने के बाद डाटाबेस से उसका मिलान कर उसकी वास्तविक पहचान एवं उसका आपराधिक इतिहास पता लगाया जा सकेगा। साथ ही तत्काल यह भी मालूम पड़ सकेगा कि वह गिरफ्तारी से पूर्व किन-किन जनपदों एवं अपराधों में जेल भेजा जा चुका है।  

इसके लिए अफसर होंगे नियुक्त
इस एप्लीकेशन से सभी जनपदों में लूट/डकैती, नकबजनी, वाहन चोरी, चेन स्नेचिंग व आर्थिक अपराधों आदि में संलिप्त अपराधियों के डिजिटल डोजियर को ऑनलाइन भरा जाएगा। इसके लिए जिला मुख्यालय स्तर पर एक एएसपी/ सीओ क्राइम, प्रभारी डीसीआरबी, दो कम्प्यूटर ऑपरेटर और दो आरक्षी, जो कम्प्यूटर के जानकार हो, की नियुक्ति के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही 'त्रिनेत्र' के संचालन में आने वाली तकनीकी समस्याओं के निवारण हेतु आईजी क्राइम, एसपी क्राइम, एएसपी क्राइम, एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर, एक सिपाही, दो रिसोर्स पर्सन नामित किये गये हैं।

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