यूपीपीएससी द्वारा कापियों को जला देने से बढ़ गया है सीबीआई का चैलेंज

देर से आने के कारण भी जांच एजेंसी को साक्ष्य ढूंढने में लगेगा समय

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष डॉ। अनिल यादव के कार्यकाल में भ्रष्ट तरीके से भर्ती, परीक्षा और परिणामों के साक्ष्य मिटाने के काफी प्रयास किए गए। अब सीबीआई उन्हें ढूढ़ने की पूरी कोशिश में जुटी है। इसी वजह से शनिवार को बंदी के बावजूद सीबीआई की खोजबीन जारी रही। रविवार को भी जांच जारी रहने की बात कही जा रही है।

बाद में कांपियों को डिजिटलाइज्ड मोड में रखे जाने का हुआ था निर्णय

जानकारी के मुताबिक सीबीआई का पूरा जोर भ्रष्टाचार से जुड़े साक्ष्यों के आंकड़ों को कैच करने पर है? ऐसे में सीबीआई का काम तब ज्यादा आसान हो जाता, जब आयोग ने डॉ। अनिल यादव के कार्यकाल में हुई परीक्षाओं की कांपियों को न जलाया होता। लेकिन सीबीआई की आहट मिलते ही आयोग ने नियमों का हवाला देते हुए कांपियों के बंडल जला दिए। उस समय आयोग ने विज्ञप्ति जारी करके नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि परिणाम जारी होने के एक साल के भीतर कांपियों को नष्ट करने का प्राविधान है। इसके बाद प्रतियोगियों ने यह कहकर हंगामा काटा था कि जब तमाम याचिकाओं पर न्यायालय में सुनवाई चल रही है तो आयोग कैसे कापियों को जला सकता है? प्रतियोगियों के दबाव के बाद आयोग में सचिव पद पर नियुक्त हुए जगदीश ने निर्देशित किया था कि आयोग की उत्तर पुस्तिकाओं को डिजिटलाइज्ड मोड में रखा जायेगा। इसे वर्ष 2018 से अपने लॉगिन और पासवर्ड से परीक्षार्थी ऑनलाइन देख सकेंगे।

लपेटे में आएंगे कई एक्सपर्ट

बहरहाल, उत्तर पुस्तिकाओं को जला देने और केन्द्र सरकार द्वारा सीबीआई को आयोग तक भेजने में की गई देरी से इतना तो माना ही जा रहा है कि सीबीआई के लिए साक्ष्य जुटाना चैलेंज है। सीबीआई टीम से मिलने वाले छात्रों का मानना है कि भले ही पुस्तिकाएं जला दी गयी हों। लेकिन आयोग ने जिन एक्सप‌र्ट्स को कापियां जांचने और इंटरव्यू पैनल में शामिल किया था, वे पूछताछ की जद में आ सकते हैं।

अखिलेश को घुसने नहीं देंगे

उधर, लोक सेवा आयोग की सीबीआई जांच के मद्देनजर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ उद्घाटन समारोह में शामिल होने आ रहे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का विरोध भी बढ़ चला है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने अखिलेश यादव के कार्यक्रम का विरोध कर रहे छात्रसंघ महामंत्री निर्भय कुमार द्विवेदी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का समर्थन किया है। समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि पूर्व सीएम के कार्यकाल में सभी आयोग लूट और भ्रष्टाचार का अड्डा बने थे। ऐसे में अगर विवि प्रशासन ने कार्यक्रम कैंसिल नहीं किया तो छात्र अखिलेश यादव को शहर में घुसने नहीं देंगे। इनका कहना है कि अखिलेश के आने से जांच प्रभावित हो सकती है।