साल में एक बड़ी भर्ती परीक्षा करवा पा रहा उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन

दावे और वादों के दौर में छले जा रहे लाखों बेरोजगार

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: ऐसे समय जब उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) के लिये सीबीआई जांच की आहट सुनाई दे रही है, तब अचानक से भर्ती, परीक्षा और परिणामों में अमूलचूल बदलावों के लिये दावे और वादों का दौर भी शुरू हो चुका है। लेकिन प्रतियोगियों की नजर से देखें तो हकीकत इससे बिल्कुल है। हर साल बड़ी परीक्षायें करवाने का जिम्मा संभालने वाला आयोग साल के नौवें महिने में जैसे तैसे सिर्फ एक बड़ी परीक्षा ही आयोजित करने की स्थिति में पहुंच पाया है।

जिन परीक्षाओं का क्रेज वो एजेंडे से ही गायब

गौरतलब है कि आयोग आगामी 24 सितम्बर को पीसीएस 2017 प्री एग्जाम का आयोजन करने जा रहा है। पहले यह एग्जाम और पहले होना था। लेकिन बाद में टलकर यह परीक्षा सितम्बर तक आ पहुंची। इसके अलावा इस साल के अंत तक हाल फिलहाल और कोई ऐसी नई और बड़ी भर्ती परीक्षा नजर नहीं आ रही। जिसका नोटिफिकेशन आयोग ने जारी किया हो। बता दें कि आयोग इस साल समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी, पीसीएस जे, एपीओ एवं लोअर सबआर्डिनेट जैसी नई परीक्षाओं के लिये अभी तक विज्ञापन जारी नहीं कर सका है। जबकि इनमें आवेदन करने वालों की संख्या 15 लाख के आसपास होती है।

करवायेंगे वन संरक्षक और नर्स की परीक्षा

आयोग के एजेंडे में सहायक वन संरक्षक/वन क्षेत्राधिकारी प्री एग्जाम 2017 जोकि 26 नवम्बर को होनी है। इसके अलावा 17 दिसम्बर को प्रस्तावित स्टाफ नर्स (महिला) परीक्षा 2017 ही शामिल है। मालूम हो कि सीबीआई जांच से पहले ही लगभग ठप से पड़ चुके आयोग के लिये उम्मीद की थोड़ी किरण तब जागी, जब मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन राजीव कुमार के साथ आयोग सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक की बैठक 21 जुलाई को हुई। इसमें परीक्षाओं से जुड़े सुधारों को लेकर कई अहम सुझाव पारित किये गये। लेकिन जो हालात हैं, उससे चिराग तले अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा है।

मुख्य सचिव की बैठक में सुझाव

लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं को पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई तत्काल की जाये।

- आयोग की छवि सुधारे जाने के लिये प्रयास किये जायें।

- प्राथमिकता के साथ इंगित अधियाचनो के संबंध में शीघ्र कार्रवाई शुरू करें।

- माहवार लक्ष्य निर्धारित कर लिया जाये कि कितने अधियाचनो के सापेक्ष अंतिम परिणाम घोषित किये जायेंगे तथा साक्षात्कार सम्पन्न करवाये जायेंगे।

- आयोग रिक्तियों की सूचना वेबसाइट पर प्रदर्शित करे।

- इस संबंध में विचार कर लें कि कौन कौन सी परीक्षाओं को ऑनलाइन करवाया जा सकता है।

आयोग में इस साल कुछ साक्षात्कार को छोड़ दें तो कोई काम ही नहीं हुआ शायद, अब इस साल का अंत भी देखते देखते हो जायेगा। प्रतियोगियों के कॅरियर के लिये एक साल यूं निकल जाना बड़ी बात है।

कुलदीप पाल

कुछ बड़ी भर्ती परीक्षाओं को लेकर हर साल क्रेज होता है। ज्यादातर प्रतियोगी उन्हीं परीक्षाओं की तैयारी में जुटते भी हैं। ऐसे में जब उनका आवेदन भी न हो सके तो इससे ज्यादा खराब बात और क्या हो सकती है ?

उमेन्द्र सिंह

देर सबेर परीक्षा, फिर कोई विवाद, कोर्ट का चक्कर और अब सीबीआई। हमें परीक्षा देना है और नौकरी हासिल करनी है। इसके अलावा हमें बाकी चीजों से क्या लेना देना ?

धीरज सिंह

जो स्थिति चल रही है। वह प्रतियोगियों के लिये गहरे अवसाद का कारण है। साल दर साल परीक्षार्थी बढ़ रहे हैं। काम्पटीशन टफ हो रहा है। ऐसे में जब वैकेंसी ही नहीं आयेगी तो तैयारी का क्या मतलब ?

आफताब आलम