सीएम बोले, गैरसैंण में तेजी से जुटाई जा रही हैं सुविधाएं

-गैरसैंण में विस भवन व सचिवालय पर तेजी से चल रहा है काम-सीएम

अल्मोड़ा/देहरादून, आईनेक्स्ट ने आपको बताया था कि विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सरकार गैरसैंण कार्ड खेल सकती है। गुरुवार को सीएम हरीश रावत ने साफ कहा कि उनकी सरकार गैरसैंण के मुद्दे पर आगे बढ़ रही है और इसके लिए गैरसैंण में तेजी से सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। पहले स्पीकर, फिर डिप्टी स्पीकर और अब खुद प्रदेश के मुखिया हरीश रावत ने गैरसैंण को लेकर कहा है कि वहां विधासभा भवन और सचिवालय बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। गुरुवार को कुमाऊं के अल्मोड़ा के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण के सवाल पर कहा कि सरकार गैरसैंण के राजधानी के मामले पर लगातार आगे बढ़ रही है।

क्म् साल से हो रही सियासत

राज्य गठन से लेकर अब तक यानि सोलह सालों से जितनी सरकारें आई, गैरसैंण का मुद्दा लगातार उछलता रहा है। जब बीजेपी सत्ता में होती है तो कांग्रेस उस पर आरोप लगाती है कि वो गैरसैंण के मुद्दे पर संजीदा नहीं है। इसी तरह जब कांग्रेस सत्ता में होती है तो बीजेपी आरोप मढ़ती है। लेकिन सच्चाई ये है कि इस मुद्दे को हमेशा उलझा कर ही रखा गया। दोनों ही दल इसका क्रेडिट लेना चाहते हैं। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने इस बार फिर इस मुद्दे को हवा दी है। उन्होंने हाल ही में कहा कि वे निजी तौर पर गैरसैंण राजधानी के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य की राजधानी पहाड़ में ही होनी चाहिए। डिप्टी स्पीकर व स्थानीय विधायक डॉ। अनुसूया प्रसाद मैखुरी में राजधानी गैरसैंण पर अपना स्टैंड साफ कर चुके हैं। उनका कहना है कि गैरसैंण में राजधानी बनाए जाने के साथ ही वर्तमान सरकार में एक बार विधानसभा का सत्र गैरसैंण में बुलाया जाना चाहिए।

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मोदी ने रोकी राज्य में फ्0 हजार नौकरियां

गुरुवार को अल्मोड़ा के बाखली खेल मैदान में आयोजित जनसभा में सीएम ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बजट के मामले में पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया। कहा कि केंद्र ने राह नहीं रोकी होती तो फ्0 हजार युवाओं को रोजगार मिल गया होता। उन्होंने दावा किया कि विकास की लड़ाई को किसी भी सूरत में कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।

सीएम ने गिनाईं उपलब्धियां

-डेढ़ लाख शिल्पकारों को पट्टे की जमीन का मालिकाना हक देने का फैसला लिया।

-मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचाने का काम सरकार ने किया।

-इसमें अब नि:शुल्क उपचार राशि भ्0 हजार से बढ़ाकर क्.भ्0 लाख तक होगा।

-पहाड़ में पारंपरिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

-अब तक पारंपरिक खेती के लिए भ् करोड़ का बोनस किसानों को बांट चुकी है।

- अब इस बार भ्0 करोड़ का बोनस बजट लक्ष्य रखा है।

-अक्टूबर-नवंबर तक प्राथमिक से लेकर डिग्री कॉलेजों के पद भरे जाएंगे।