DEHRADUN: प्रदेश में एनसीईआरटी की किताबों के पूरे मामले में अब सीएम ऑफिस खुद मॉनिटरिंग कर रहा हैं। सीएम ऑफिस का दावा है कि किताबों को लेकर किसी भी तरह की परेशानी स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को नहीं होने दी जाएगी। ऐसे में एक बार फिर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के फैसले पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ढाल बनकर सामने आए हैं।

 

सीएम कर रहे फुल सपोर्ट

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के प्रदेश में एनसीईआरटी की किताबों को लागू करने के फैसले को सीएम का पूरा समर्थन मिल गया है। इससे पहले सीएम खुद एनसीईआरटी की किताबों को लेकर शिक्षा मंत्री का सपोर्ट कर चुके हैं। इतना ही नहीं पैरेंट्स की परेशानियों को देखते हुए कंट्रोल रूम भी खुलवा दिया गया है। प्रदेश में एनसीईआरटी की 90 लाख किताबें उपलब्ध कराना शिक्षा विभाग के लिए बहुत बड़ा चैलेंज है। जो कि शिक्षा मंत्री के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। प्राइवेट स्कूलों के पुरजोर विरोध के बाद भी शिक्षा मंत्री अपने निर्णय पर डटे हुए हैं, लेकिन विरोध का पूरी तरह से सामना करने में कई बार पीछे होते हुए भी नजर आए। ऐसे में सीएम को खुद मोर्चा संभालना पड़ रहा है। प्राइवेट स्कूलों के कड़े विरोध के बाद से शिक्षा मंत्री की सक्रियता कम होने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। थर्सडे को जब पूरी मीडिया राजधानी में शिक्षा मंत्री का इस मामले में पक्ष जानना चाहती थी तो वे अपने क्षेत्र गदरपुर के लिए रवाना हो गए। ऐसे में विपक्ष को भी बोलने का मौका मिल गया।

 

ड्रेस कोड विवाद भी सीएम ने सुलझाया

शिक्षा विभाग के कई ऐसे मामलों में खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को मोर्चा संभालना पड़ा है। जिसमें शिक्षा मंत्री पहले ही बोल्ड डिसीजन ले चुके थे। ड्रेस कोड के मामले में तो पूरे शिक्षक संगठनों ने शिक्षा मंत्री का जमकर विरोध किया था। शिक्षा मंत्री ने सभी टीचर्स को एक ही ड्रेस में स्कूल आने का फरमान जारी किया था। जिस पर शिक्षक संगठनों ने विरोध दर्ज कर सीएम से इसकी शिकायत की। इसके बाद सीएम ने मोर्चा संभालते हुए शिक्षकों को शांत करवाया। इसी तरह तबादलों को लेकर भी सीएम खुद मोर्चा संभालते हुए नजर आए।

 

प्रदेश में एनसीईआरटी की किताबों की कमी नहीं होने दी जाएगी। सीएम ऑफिस से इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। हर बच्चे को किताब उपलब्ध कराया जाएगी।

रमेश भट्ट, मीडिया सलाहकार, सीएम