राहत या सियासत

सोमवार को दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय से सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने राहत सामग्री से भरे 24 ट्रकों को हरी झंडी दिखा कर उत्तराखंड के लिए रवाना किया था. ये सामग्री बाढ़ पीडि़तों में बांटे जाने हैं. लेकिन ये ट्रक बीच में फंस गए. इस पर कांग्रेस कुछ बोलने को तैयार नहीं है वहीं भाजपा इसे कांग्रेस का असली चेहरा करार दिया है. हालांकि एक ओर वह यह भी कह रही है कि वे पीडि़तों के रेस्क्यू होने तक कोई राजनीति नहीं करेंगे. जबकि दूसरी ओर पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावेड़कर और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह इस मौके पर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह सब वोट बैंक की पॉलिटिक्स है.

किसने रोकी मदद

कांग्रेस ने मुख्यालय से हरी झंडी दिखाकर ट्रकों को रवाना तो कर दिया लेकिन उसकी कोई खोजखबर नहीं ली. ड्राइवरों का कहना है कि ट्रकों में डीजल नहीं है. इसके लिए उन्हें पैसे भी नहीं दिए गए थे. टीवी पर तो ड्राइवरों ने राहत सामग्री बेच कर अपना गुजारा करने की बात तक कह डाली थी. उनका कहना था कि ट्रक मालिक ने डीजल डलवा दिया था अब आगे जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है. फिलहाल कांग्रेस की ओर से किसी ने कोई टिप्पणी नहीं की है.

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