-डीजीपी पर रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध तरीके से जमीन कब्जाने का आरोप

-बंद लिफाफे में आदेश को पुलिस मुख्यालय भेजा गया

DEHRADUN: शासन ने रिटायरमेंट के एक दिन पहले डीजीपी बीएस सिद्धू को चार्जशीट थमा दी। उन पर आरोप हैं कि रिजर्व फारेस्ट में अवैध रूप से उन्होंने भूमि कब्जा करने के साथ ही पेड़ों के कटान किए। डीजीपी सिद्धू के दून में न होने के कारण एक बंद लिफाफे में आदेश को पुलिस मुख्यालय भेजा गया। बताया जा रहा है कि देर रात इसे डीजीपी को तामील भी करा दिया गया।

मुकदमा दजर् हुआ था

पुलिस की ओर से पेड़ कटान के मामले में वन महकमे पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था। मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा। कोर्ट ने मामले पर एसआईटी के गठन के आदेश भी दिए, लेकिन एसआईटी का गठन नहीं हो पाया। वही शासन स्तर पर जांच भी हुई, लेकिन रिजल्ट सार्वजनिक नहीं हो पाए। मामला अभी एनजीटी में भी लंबित चल रहा है।

राजभवन पहुंचा था मामला

राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद मामला राजभवन पहुंचा। बदले में राजभवन ने पुरानी जांच रिपोर्ट तलब की थी। सूत्र बताते हैं कि इस पर कई दिनों से मंथन चल रहा था। लेकिन अब सेवानिवृत्त होने के एक दिन पहले शासन ने सख्ती दिखाते हुए डीजीपी को चार्जशीट थमा दी है। जानकार कहते हैं कि चार्जशीट सौंपे जाने की स्थिति में क्भ् दिन के अंदर इसका जवाब देना होता है।

क्या है जमीन विवाद

दून के राजपुर में वन विभाग की जमीन को अपने नाम कराने का आरोप

- इसी जमीन पर खड़े पेड़ कटवाने का आरोप

- नत्थूराम नाम के व्यक्ति से जमीन खरीदी दिखाई गई।

- नत्थूराम की मौत क्98फ् में हो चुकी थी

- सिद्धू ने ख्0क्ख् में जमीन की खरीदी दिखाई

सिद्धू रहे विवादों में

- बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने समय पर सूचनाएं उपलब्ध न कराने पर उठाए थे सवाल

- दरोगा निर्विकार सिंह के उत्पीड़न के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी दिखाया था कड़ा रुख

- पुलिस ने खुद डीजीपी के खिलाफ मिशन आक्रोश चलाया

- भू-माफिया के साथ सिद्धू के संबंधों को लेकर बार-बार आरोप लगे