- दूसरे दिन उत्तराखंड के वित्तमंत्री ने शिक्षा व साहित्य क्षेत्र की प्रतिभाओं को किया सम्मानित

- कलाकारों ने अपनी लोक संस्कृति से कराया परिचित, मेले का लुत्फ उठाने उमड़ी भीड़

BAREILLY :

पहाड़ों की लोक संस्कृति की आबो हवा से बरेली क्लब महक उठा। वहां की जड़ी- बूटी, खाद्य पदार्थो के संग हस्तशिल्प उत्पाद से रचा बसा उत्तरायणी मेला अपने चरम पर पहुंच गया है। दूसरे दिन नाथ नगरी के वासियों का उत्साह मेले के प्रति देखते ही बन रहा था। देर रात तक लोगों ने मेले का जमकर लुत्फ उठाया। उत्तराखंड के वित्तमंत्री ने शिक्षा व साहित्य क्षेत्र की प्रतिभाओं को सम्मानित करके मेले को यादगार बनाया।

डीआईजी और शहर विधायक ने किया इनॉग्रेशन

दूसरे दिन मेले का शुभारंभ डीआइजी राजेश कुमार पांडेय व शहर विधायक डॉ। अरुण कुमार ने किया। इस मौके पर उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका नीता जोशी को सम्मानित किया। उत्तराखंड की कवियत्री प्रियंका जोशी के काव्य संग्रह मां और प्रकृति का लोकार्पण किया। मंच पर लोक कलाकारों ने अपनी संस्कृति से परिचित कराया। मेले में लगे स्टॉलों पर शहरवासियों ने जमकर खरीदारी की। झूले झूलकर मनोरंजन किया। फूड कोर्ट में लजीज व्यंजनों का स्वाद चखा।

जब घर होगा खुशहाल देश भरेगा विकास की उड़ान : पंत

मेले में पहुंचे उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बालिकाओं की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की। मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, बेटियों के उत्थान को प्रधानमंत्री ने संकल्प लेकर जो योजनाएं शुरू की हैं उन्हें परवान चढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी है। क्योंकि सरकार की मंशा साफ है, लाइन के अंतिम व्यक्ति तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना है। हमारा देश तब तरक्की करेगा जब घर, परिवार, समाज में खुशहाली होगी। इसका हमें संकल्प लेकर आगे बढ़ना होगा। इस दौरान उन्होंने उत्तरायणी मेले के शुभारंभ से अब तक के सफर पर प्रकाश डालते हुए अपनी संस्कृति से अवगत कराया।

पहाड़ी जड़ी बूटियां की हुई ख्ारीदारी

उत्तरायणी मेले में इस बार पर्वतीय औषधियों की खासी मांग है। मधुमेह एवं उच्च रक्त चाप की रोकथाम में कारगर स्टीविया, खुमानी एवं चुआरू के बीज से निर्मित एप्रिकोट आयल समेत स्किन एवं शारीरिक सुंदरता को निखारने वाली औषधियां खूब लोग खरीद रहे हैं। उत्तराखंड का शहद, फूलों से निर्मित जैम, जेली, बांस का अचार, जूस एवं बुरांश के फूलों से निर्मित स्क्वैश, हिमालय क्षेत्र की जड़ी बूटियों से निर्मित औषधि, जैविक चाय, दालें, मुडवे का आटा, बिस्किट, गहत की दाल, पथरी के लिए जम्मू घास, गन्दरायन, शिलाजीत खरीदने के लिए स्टॉलों पर भीड़ लगी रही।

इनका रहा सहयोग

मेले में पीसी पाठक, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, दिनेश पंत, रमेशचंद्र शर्मा, भवानी दत्त जोशी, मोहन जोशी, मनोज कांडपाल, देवेंद्र जोशी, डीडी बेलवाल, अनूप पांडेय, रमा पाठक, जया विष्ट, भूपाल सिंह विष्ट, प्रमोद विष्ट, गिरीश पांडेय, दिनेश पांडेय, माधवा नंद तिवारी, कमल कांत बेलवाल, डॉ। अचल अहेरी आदि का सहयोग रहा।