नियमों का किया गया उल्लंघन
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि नियमों के मुताबिक सरकार में कोई वास्तु सलाहकार नहीं हो सकता है और इसीलिए काफी सोच विचार के बाद राव ने तेजा को वास्तुकला के लिये सलाहकार बनाया गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक वास्तु सलाहाकार तेजा सरकार के बेहतर वास्तु के लिए काम करने जा रहे हैं. इसके साथ ही प्रोजेक्ट्स को कब पास करना है, फाइलों पर हस्ताक्षर करने का सही समय कौन सा है, बैठकों को सफल बनाने के लिए अधिकारी किस तरफ मुंह करके बैठें इन सभी बातों पर भी वो सलाह देंगे.

कैसे हो सकेगा काम
दरअसल यह पूरा मामला, वास्तुकला पर अंधविश्वास पर टिका है. राज्य के मुख्यमंत्री वास्तु शास्त्र पर इतना यकीन करते हैं कि, उन्होंने इसके लिये सलाहकार तक रख लिया. अब किसी राज्य मंत्रालय में इस तरह का वास्तुशास्त्री होना काफी रोचक मामला है. हालांकि यहां पर यह देखना दिलचस्प होगा कि, विरोधी पक्ष सीएम के इस फैसले पर किस तरह से रिएक्ट करते हैं. वहीं जहां एक ओर देश पश्चिमी सभ्यता को अपना रहा है, तो अब ऐसे में मुख्यमंत्री जी का यह डिसीजीन अंध विश्वास को बढ़ावा दे सकता है.

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