- उ.प्र। दंत चिकित्सा सेवा संवर्ग के पुर्नगठन की तैयारी

- हेल्थ डिपार्टमेंट ने शासन को भेजा प्रस्ताव

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LUCKNOW: बीडीएस डॉक्टर्स के लिए अच्छी खबर है। स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों के डेंटल क्लीनिक्स में 575 या उससे अधिक दंत चिकित्सकों को तैनात करने की तैयारी की है। विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेजा है। शासन से हरी झंडी मिलते ही तैनाती की जाएगी।

575 क्लीनिक में डॉक्टर ही नहीं

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अभी 575 अस्पतालों में डेंटल क्लीनिक तो हैं लेकिन मरीजों के इलाज के लिए बीडीएस डॉक्टर को तैनात करने के लिए पद ही स्वीकृत नहीं हैं। जिसके कारण मरीजों को इलाज की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। दंत चिकित्सा की दिक्कतों को देखते हुए विभाग ने अब उ.प्र। दंत चिकित्सा सेवा संवर्ग के ही पुनर्गठन की तैयारी की है। जिसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव के अनुसार सभी 575 डेंटल क्लीनिक में एक एक डॉक्टर को तैनात करने का प्रस्ताव है।

825 डेंटल क्लीनिक और सिर्फ 317 पद

उप्र। दंत चिकित्सा सेवा संवर्ग में दंत चिकित्सकों के कुल 317 पद ही सृजित हैं, जबकि कुल 825 डेंटल क्लीनिक स्थापित हैं। मुख्यालय स्थित पांच पदों को छोड़ते हुए मात्र 312 डेंटल क्लीनिक पर डेंटल सर्जन के पद सृजित हैं। जिसमें से 222 पद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 90 पद जिला या संयुक्त चिकित्सालयों के हैं। शेष 559 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 100 बेड, 200 बेड व 300 बेड या इनसे बड़े हॉस्पिटल जिनकी संख्या 16 है यानी कुल मिलाकर 575 डेंटल क्लीनिक पर दंत चिकित्सकों के पद ही नहीं हैं। इसी तरह 5 डेंटल सर्जन के पद 100 बेड के वृंदावन चिकित्सालय मथुरा, संत कबीर नगर, मा। कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय कानपुर नगर, लोक बंधु राजनारायण चिकित्सालय कानपुर रोड और 300 बेड के बलरामपुर हॉस्पिटल लखनऊ में पद सृजित हैं, लेकिन डेंटल हाईजीनिस्ट के पद सृजित नहीं हैं।

ये हैं मानक

इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्स (आईपीएचएस) के मानकों के अनुसार 100 बेड व 200 बेड के जिला चिकित्सालयों में दंत चिकित्सक का एक पद, 300 बेड के अस्पताल में दंत चिकित्सक के दो पद और 400 बेड व 500 बेड के जिला चिकित्सालयों में 3 पदों का मानक है।

ये है प्रस्ताव

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात रहते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को चिकित्सा व लीगल कार्य के लिए 537 पदों की जरूरत होगी। साथ ही वरिष्ठ दंत शल्यक को रोड साइड और हाइवे पर स्थित स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनाती की जाएगी। इनके कुल 233 पदों की आवश्यक्ता होगी। वहीं 75 जिला जिला चिकित्सालयों व 10 संयुक्त चिकित्सालयों के लिए परामर्शदाता की तैनाती प्रस्तावित है। जिसके कुल 85 पद होंगे। जबकि वरिष्ठ परामर्शदाता के 2 पद मुख्यालय, बड़े मंडलीय अस्पतालों, मुख्यालय, टीबी सप्रू अस्पताल इलाहाबाद, केपीएम चिकित्सालय कानपुर के लिए 44 पद होंगे। जबकि अपर निदेशक दंत के पद पर मुख्यालय व प्रशासनिक कार्यो के लिए कुल चार पद होंगे। वहीं एक पद मुख्यालय पर निदेशक का होगा।

सरकारी अस्पतालों में दंत चिकित्सकों की कमी के कारण दंत चिकित्सा सेवा संवर्ग के पुनर्गठन का प्रस्ताव भेजा गया है। इससे सरकारी अस्पतालों में दांत की समस्या के मरीजों को फायदा होगा साथ ही बीडीएस डॉक्टर्स के लिए रोजगार भी बढ़ेंगे।

कोट--

डॉ। योगेंद्र कुमार, डीजी हेल्थ