डाकबंगला चौराहा

- यहां पंडाल का शेप गुवाहाटी के पांच शिव मंदिरों पर बेस्ड पंचशिव लिंग मंदिर का होगा।

- पंडाल के मेन गेट पर नाचते हुए मोर से भक्तों का स्वागत होगा।
- यहां 1964 से पूजा की जाती है। अबकी एलईडी बल्ब से कोतवाली तक सजावट की जाएगी.
 
जेडी वीमेंस कॉलेज के सामने
- यहां के पंडाल को पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ का शक्ल दिया जाएगा।
- पंडाल की ऊंचाई 55 फीट व चौड़ाई 40 फीट होगी।
- यहां 1992 से मां की पूजा-अर्चना की जाती है। अबकी यहां मां के अलावा शंकर के साथ हनुमान जी की मूर्ति भी लगाई जाएगी।
 
रुकनपुरा के पास
- यहां के पंडाल को जयपुर म्यूजियम का शेप दिया जाएगा।
- पंडाल की ऊंचाई 85 फीट व चौड़ाई 80 फीट होगी।
- यहां पर 2011 से पूजा हो रही है। अबकी उड़ता हुआ राक्षस और शंकर जी के जटा से गंगा की निकलती हुई धारा आकर्षण का केन्द्र होगा। शंकर जी विशाल मूर्ति भी बनाई जा रही है.
 
चकारम
- यहां पर वैष्णो देवी मंदिर का गुफा बनाया जा रहा है।
- पंडाल की ऊंचाई 80 फीट व चौड़ाई 50 फीट होगी।
- 1994 से यहां पर पूजा किया जा रहा है। अबकी सजावट के लिए एसके नगर से बुद्धा कॉलोनी तक सजाया जाएगा.
 
बोरिंग केनाल रोड
- बोरिंग केनाल रोड आनंदपुरी में पंडाल को अमरनाथ गुफा का रूप दिया जा रहा है।
- यहां 1970 से पूजा की जाती है। आर्ट कॉलेज के स्टूडेंट्स द्वारा बनाया जा रहे इस गुफा में जाने पर भक्तों को ठंड का एहसास होगा।
- गुफा बनाने में कपड़ा और प्लास्टर ऑफ पेरिस का यूज किया जा रहा है.
 
गोलघर के पास
- गोलघर के पास मायापुर का इस्कॉन मंदिर पंडाल के रूप में बनाया जा रहा है।
- पंडाल की ऊंचाई 40 फीट और चौड़ाई 30 फीट होगी।
- यहां पर 1988 से मां दुर्गा की पूजा की जा रही है।
- गोलघर से पुलिस लाइन तक सजावट की जाएगी.
 
राजापुर पुल
- राजापुर पुल में बन रही दुर्गा मां के पंडाल को पटना जंक्शन के महावीर मंदिर का शेप दिया जा रहा है।
- पंडाल की ऊंचाई 40 फीट और चौड़ाई 40 फीट है।
- पंडाल बनाने में लकड़ी, कपड़ा और बांस का यूज किया जा रहा है।
- यहां 1930 से पूजा की जा रही है। राजापुर से मैनपुरा तक सजावट की जाएगी.
 
पंचमुखी मंदिर, बोरिंग केनाल रोड
- यहां पर बन रहे पंडाल को नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर का रूप दिया जा रहा है
- पंडाल की ऊंचाई 50 फीट और चौड़ाई 40 फीट होगी।
- यहां पर 1994 से पूजा की जा रही है। इस बार राजापुर पुल से बोरिंग रोड चौराहे तक सजावट की जाएगी.
 
एसके पुरी
- एसकेपुरी के पंडाल को बोधगया का मंदिर बनाया जा रहा है।
- पंडाल की सजावट के साथ मां की मूर्ति को मौर्याकाल बेस बर बनाया जाएगा।
- पंडाल की ऊंचाई 80 फीट और चौड़ाई 30 फीट है।
- सजावट में हाल में हुए घटना को ध्यान में रख कर किया जा रहा है.
 
कदमकुआं
- कदमकुआं के सडोमन भगत लेन में दुर्गा मां के पंडाल को थाई मंदिर का रूप दिया जा रहा है।
- यहां पर पंडाल को हाथी पर बनाया जा रहा है।
- 1959 से पूजा अर्चना की जा रही है। यहां के पंडाल की ऊंचाई 75 फीट और चौड़ाई 60 फीट है।
- सजावट भगत लेन से हिन्दी साहित्य सम्मेलन तक किया जाएगा.
 
मछुआ टोली
- यहां पंडाल की सजावट पर कम मां की मूर्ति पर विशेष फोकस किया जाता है।
- मां के नौ रूपों को 15 मूर्तियों के द्वारा दिखाया जाएगा। मूर्ति की ऊंचाई 8 फीट होगी। यहां हर साल 15 से 25 मूर्तियों तक स्थापित की जाती है।
- यहां पर 1960 से पूजा की जाती है। इस बार नाला रोड, नया टोला मोड़ तक सजावट की जाएगी.
 
खाजपुरा
- खाजपुरा में इस बार जोधपुर का उमेद पैलेस बनाया जा रहा है।
- पंडाल की ऊंचाई 65 फीट होगी।
- सजावट में चाइनीज डे्रगन और रॉक ट्री का यूज किया जा रहा है।
- यहां पर पूजा 1939 से की जाती है।
- फ्लाई ओवर बनने के कारण पंडाल के बाहर सजावट मामूली ही रहेगी.
 

बोरिंग रोड चौराहा
- यहां के पंडाल को दक्षिणेश्वर काली मंदिर का रूप दिया जा रहा है।
- पंडाल की ऊंचाई 75 फीट व चौड़ाई 20 फीट है।
- यहां 1983 से पूजा हो रही है।
- सजावट में एलईडी लाइट्स से गणेश जी को पार्वती और शंकर जी की परिक्रमा करते तथा श्रीकृष्ण को कामधेनु का दूध पीते हुए दिखाया जाएगा.
 
आवास बोर्ड, हनुमान नगर
- यहां पर शिव चालीसा का संगम दिखेगा।
- मां के शक्ति रूप व शिव की तीसरी आंख को ब्रह्मांड में घूमते दिखाया जाएगा।
- पंडाल के उपर 35 फीट का शिव पार्वती और गणेश की मूर्ति लगाई जाएगी।
- पंडाल के गेट पर महा-मृत्युजंय यंत्र को भी दिखाया जाएगा तथा सजावट मलाही पकड़ी तक किया जाएगा.
 
बोरिंग रोड, ललिता होटल के पास
- बर्फ की कटिंग में मां की मूर्ति दिखेगी।
- मां के दर्शन के लिए गुफा से होकर जाना पड़ेगा। गुफा एकदम रीयल दिखेगा।
- भव्य पंडाल बनाया जा रहा है।
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