लाख रख किया रास्ता जाम

एक तो चिपचिप वाली गर्मी, ऊपर से बेनियाबाग में चल रहा टेंशन। इन दोनों ने पुलिस की हवा ही निकाल दी। बीते शनिवार को बाबा रहीम शाह के आस्ताने से लगे कब्रिस्तान में कब्र ्रखोदने वाले अमजद और इलाके के इकबाल उर्फ राइन के हमले से गद्दी नशीं मो। शफीक, जियादुद्दीन और मो। कामिल की मौत हो गई थी। इस हमले में घायल मो। शफीक के बेटे चांद ने भी बुधवार की रात दम तोड़ दिया। इस मौत के बाद घटना में मरने वालों की संख्या चार क्या हुई कि पब्लिक अपना आपा ही खो बैठी। रात में बेनियाबाग पहुंची चांद की लाश को पब्लिक ने रोड पर रखकर रास्ता जाम कर दिया। इतने के बाद भी गुस्सा शांत नहीं हुआ तो नाराज लोग पुलिस वालों से ही भीड़ गए।

 

रात- दिन काटा बवाल

बुधवार रात में भड़की भीड़ को पुलिस ने किसी तरह शांत किया लेकिन ये भीड़ गुरुवार की सुबह फिर उग्र्र हो गई। रोड के बीचों-बीच चांद की लाश को रखकर पब्लिक पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगी। इसी दौरान भीड़ में से कुछ लोग छटकर बेनिया से होते हुए चेतगंज की ओर भागे। चिलचिलाती धूप में भीड़ को चेतगंज की ओर बढ़ते देख वहां तैनात पुलिस व पीएसी के जवानों के हाथ-पांव फूलने लगे। लोगों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस भीड़ की तरफ दौड़ी लेकिन तब तक गुस्साये लोगों ने बेनिया-चेतगंज मार्ग पर लगे बैरियर्स को ढहा दिया और आगे निकल लिए। बाद में पुलिस ने उन्हें समझा-बुझा कर वापस बेनिया भेजा।

चाय, पान को भी तरस गए लोग

इलाके में तनाव देख तत्काल पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। इससे वहां अघोषित कफर्यू सा नजारा बन गया था। चांद की लाश को बीच रोड में चौकी पर रख दिये जाने के कारण पुलिस लहुराबीर से गोदौलिया की ओर आ रहे वाहनों को लहुराबीर चौमुहानी पर ही रोक दे रही थी जबकि चेतगंज की ओर से गोदौलिया आने वाले वाहनों को कबीरचौरा की ओर मोड़ दिया जा रहा था। ऐसा ही हाल गोदौलिया से लहुराबीर की ओर जाने वाली गाडिय़ों का रहा। गलियों में भी पुलिस की चौकसी बढऩे से लोग पूरे दिन बेहाल रहे। इस तनाव के चलते पुलिस ने बेनियाबाग व उसके आसपास की चाय, पान की दुकानों को बंद करा दिया था।

रखी मांग, आरोपियों को फांसी दो

भले ही पुलिस और प्रशासन ने इस पूरे बवाल को बहुत ही अच्छे ढंग से हैंडिल कर लिया लेकिन अब तक आरोपियों का पकड़ से दूर होना ही पब्लिक के फिर गुस्से में आने की वजह बना। हमला कर एक के बाद एक चार लोगों को मौत के घाट उतारे जाने की हुई इस घटना के चारों आरोपियों अमजद, रमजान, अरशद और इकबाल की अब तक गिरफ्तारी न होने से ही पब्लिक का गुस्सा ज्यादा भड़का। गुस्साई भीड़ ने प्रशासन के सामने पांच मांगें रखीं। पब्लिक की मांगों में पहली आरोपियों को चौराहे पर फांसी दी जाये, दूसरी मृतक मो। शफीक के बेटे चांद की मौत के बाद घर में बची उनकी दो बेटियों के निकाह के लिए 20-20 लाख रुपये मुआवजा, तीसरी मृतकों के परिवार की सुरक्षा व चौथी सीएम अखिलेश यादव को तुरत मौके पर बुलाने के अलावा शव को कब्रिस्तान की उसी जमीन पर दफनाया जाए जहां अमजद का मकान था। इन मांगों को पूरा करने में वहां मौजूद अधिकारियों ने जब असमर्थता जाहिर की तो उसके बाद मौके पर डीएम व एसएसपी पहुंचे।

मान भी जाइये आप लोग

लाश को सुपर्द-ए-खाक न करने पर अड़े परिजनों और गुस्साई पब्लिक को मनाने डीएम समीर वर्मा  एसएसपी बीडी पॉल्सन पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन उनकी एक न चली। तब दोनों ऑफिसर्स चांद के घर परिजनों से बातचीत करने पहुंचे। डीएम ने परिजनों को ये आश्वासन दिया कि आपकी सभी मांगों पर विचार किया जायेगा लेकिन पहले लाश को सुपर्द-ए-खाक करें। डीएम के इस गुहार व आश्वासन पर परिजनों ने इलाके के बड़े-बुजुर्गों की मदद से लोगों को शांत कराया। तब जाकर दोपहर में बेनियाबाग पार्क में जनाजे की नमाज पढ़वा कर डेड बॉडी को उसी कब्रिस्तान में सुपर्द-ए-खाक किया गया जहां चांद पर हमला हुआ था। एसएसपी बीडी पॉल्सन ने बताया कि घटना के सभी आरोपियों की तलाश में पुलिस लगी है। जल्द ही वे कस्टडी में होंगे।

अब भी दो का चल रहा है इलाज

इस हमले में टोटल छह लोग जख्मी हुए थे। इनमें से तीन ने सेम डे ही दम तोड़ दिया था जबकि चांद की मौत बुधवार की रात में हुई। दो घायलों का अब भी इलाज जारी है। हमले में मो। शफीक के ही परिवार के नाटे और शालू को भी गंभीर चोटें आई थीं। इनमें नाटे को तो बीएचयू से छुट्टी मिल गई है लेकिन शालू का इलाज प्राइवेट नर्सिंग होम में अब भी चल रहा है।