- आई नेक्स्ट से बोलीं वंदना, रियो में जीत के लिए पूरी जान लगा दूंगी

- भारतीय महिला हॉकी टीम में वंदना को मिली जगह

- बाबू स्टेडियम के हॉस्टल में रहकर हॉकी सीखी वंदना कटारिया ने

LUCKNOW: केडी सिंह बाबू स्टेडियम के ग‌र्ल्स हॉस्टल में मंगलवार को जश्न का माहौल था। मौका था यहां की प्लेयर वंदना कटारिया के इंडियन हॉकी टीम में सिलेक्शन का। जैसा ही ग‌र्ल्स को पता वंदना रियो में अपना हुनर दिखायेगी तो साथी खिलाडि़यों ने मिठाई बांटना शुरू कर दिया। इस मौके पर आई नेक्स्ट ने भी वंदना से फोन पर बात की। बातचीत में वंदना ने बताया कि ओलम्पिक के बाद मैं लखनऊ जरूर आऊंगी। मैं बाबू स्टेडियम को कभी नहीं भूल सकती जहां की ट्रेनिंग की बदौलत मैंने यह मुकाम हासिल किया है। वंदना ने भरोसा दिलाया की वह रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करेंगी।

नीदरलैंड मजबूत विपक्षी

वंदना ने बताया कि ओलम्पिक टीम के लिए भारतीय हॉकी महिला टीम ने 36 साल बाद क्वालीफाई किया, मैं उस टीम का भी हिस्सा रही। ओलम्पिक में जा रही भारतीय हॉकी टीम में जगह मिलने से मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने बताया कि ओलम्पिक में एक से एक टीमें जरूर है, लेकिन भारतीय टीम मजबूत चुनौती रखने को तैयार है। नीदरलैंड की टीम से हमारी कांटे की टक्कर हो सकती है। वंदना ने बताया कि जब मैं हॉस्टल में थी तभी मैंने यहां तक पहुंचने का सपना देखा था और आज वह मुकाम पूरा हो गया। वंदना ने बताया कि मेरी एक बहन भी हॉकी प्लेयर रही और आज वह इलाहाबाद रेलवे में जॉब कर रही है। वंदना ने बताया कि सेलेक्शन होते ही मैंने सबसे पहले लखनऊ में अपने कोच विष्णु शर्मा और पूनम लता को बताया।

एक नजर में वंदना का सफर

- केडी सिंह बाबू स्टेडियम में 2005 से 2009 तक रही

- 2007 में ही वंदना को इंडिया कैम्प में जगह मिल गई।

- यूपी की ओर वंदना ने दो सब जूनियर नेशनल और सीनियर नेशनल खेले हैं

- 2013 में जर्मनी में हुई जूनियर व‌र्ल्ड कप में भारतीय टीम ने ब्रांज मेडल हासिल किया। इस टूर्नामेंट में वंदना ने अकेले पांच गोल ठोंके थे।

- 35 नेशनल लेवल के मुकाबलों में वंदना 135 से अधिक गोल दाग चुकी है।

- वंदना टीम में फारवर्ड पोजीशन पर खेलती हैं।

एक कोच के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उसका खिलाड़ी ओलम्पिक का हिस्सा बने। वंदना का हॉस्टल में हॉकी के लिए सेलेक्शन भी मैने ही किया था। बीच में उसके पिता हॉकी छुड़ा कर उसे ले जाना चाहते थे लेकिन मैनें नहीं जाने दिया और उसकी ट्रेनिंग बरकरार रखी। अब तो यही दुआ है कि ब्राजील में होने वाले ओलम्पिक में अपने खेल से इंडिया का नाम रोशन कर सके।

- विष्णु शर्मा

हॉकी कोच

पूर्व हॉकी कोच, खेल विभाग

आज भी जब वह लखनऊ आती है तो वह मुझसे मिलने जरूर आती है। ट्रेनिंग के दौरान उसका डेडीकेशन देखते ही बनता। मैच में भी जीत की ललक जो उसमें दिखती है वह बहुत ही कम खिलाडि़यों में होती है।

- पूनमलता

हॉकी कोच

खेल विभाग

दानिश को भी मिली टीम में जगह

भारतीय हॉकी टीम में यूपी के तीन खिलाडि़यों को जगह मिली है। इसमें इलाहाबाद के दानिश मुज्तबा, लखनऊ में हॉकी की ट्रेनिंग ले चुकी वंदना कटारिया और गोरखपुर की प्रीति दुबे हैं। भारतीय हॉकी टीम के सेलेक्टर और यूपी खेल विभाग के निदेशक डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि यह गौरव की बात है कि ओलम्पिक टीम में यूपी के तीन खिलाड़ी शामिल हैं। यूपी ओलम्पिक एसोसिएशन के सचिव आनन्देश्वर पाण्डेय ने बताया कि जिस तरह से हॉकी टीम बुलंदियों को छू रही है, ऐसा लगता है कि एक बार फिर से भारत में हॉकी का स्वर्णिम दौर लौटने वाला है।